ईरान-इसराइल टकराव: जंग के मुहाने पर मध्य पूर्व

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

जून 2025 में ईरान और इसराइल के बीच बढ़े संघर्ष ने तेहरान को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। इसराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए और शहर में अफरातफरी का माहौल बन गया। लोग अपनी जान बचाने के लिए शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, जिससे एक बड़ा पलायन शुरू हो गया है।

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तेहरान में हवाई हमलों से मची अफरातफरी

इसराइल के हवाई हमलों में ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों, सैन्य कमांडरों और नागरिकों की मौत हुई है। तेहरान के विभिन्न इलाकों में हुए इन हमलों ने शहर को दहशत में डाल दिया है। अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ रही है, और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगी हैं, और राशन की दुकानों में भी भीड़ बढ़ गई है।

पलायन की स्थिति: तेहरान छोड़ने की होड़

तेहरान में बढ़ते तनाव और हवाई हमलों के बाद लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। उत्तरी प्रांतों की ओर जाने वाले मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है। ईरानी सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवा में कटौती की है, जिससे लोगों के बीच संचार में भी रुकावट आई है। हालांकि, सरकार ने औपचारिक रूप से पलायन की कोई घोषणा नहीं की है।

सरकार की प्रतिक्रिया और जनता की चिंता

ईरानी सरकार ने इसराइली हमलों को “आतंकी कृत्य” करार दिया है और जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इसराइली विमान बिना किसी रोक-टोक के तेहरान और अन्य शहरों पर हमला कैसे कर पाए। इस स्थिति ने जनता में असमंजस और चिंता की भावना पैदा कर दी है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की चुनौतियाँ

इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिकी हितों को निशाना बनाया, तो परिणाम गंभीर होंगे। इस स्थिति में भारत और अन्य देशों के लिए भी चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, क्योंकि यह संघर्ष वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकता है।

युद्ध की ओर बढ़ते कदम

ईरान और इसराइल के बीच बढ़ते संघर्ष ने मध्य पूर्व में एक नई युद्ध की आहट दी है। तेहरान में मची अफरातफरी, पलायन की स्थिति और सरकार की असमंजसपूर्ण प्रतिक्रिया दर्शाती है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संघर्ष को और बढ़ने से रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।

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