जब दुनिया चुप है, इंडोनेशिया ने खोली इंसानियत की नई खिड़की

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

ग़ज़ा में हर दिन नई त्रासदी की तस्वीरें सामने आ रही हैं। वहीं, इंडोनेशिया ने कुछ अलग किया है — घायलों के लिए ‘इलाज मिशन’ की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति प्राबोवो सुबिअंतो के प्रवक्ता ने कहा कि ग़ज़ा के करीब 2000 घायलों का इलाज इंडोनेशिया करेगा।

लेकिन ध्यान रहे, प्रवक्ता ने साफ कहा है:

“यह निकासी नहीं है, यह केवल इलाज है। ठीक होने के बाद वे ग़ज़ा लौट जाएंगे।”

यानी ‘मेहमान नवाज़ी’ का ड्यूरेशन है — इलाज पूरा, वापसी तय!

गलांग द्वीप: इतिहास से वर्तमान तक का ‘ह्यूमेन हब’

ये इलाज होगा गलांग द्वीप (Galang Island) पर — जो कि सिंगापुर के दक्षिण में स्थित है। इसे इंडोनेशिया का ‘ट्रांजिट ह्यूमेन ज़ोन’ भी कहा जा सकता है। कभी यहां वियतनामी शरणार्थियों को रखा गया था, और कोविड काल में इसे अस्पताल में तब्दील किया गया था।

अब वहां फिर से मेडिकल कैंप बन रहा है — इस बार ग़ज़ा के घायलों के लिए।

इंडोनेशिया का स्टैंड: सिर्फ बयानों से नहीं, काम से मदद!

इंडोनेशिया पहले भी इस मुद्दे पर सक्रिय रहा है। अप्रैल में राष्ट्रपति प्राबोवो ने ऐलान किया था कि “हम एक हजार ग़ज़ावासियों को शरण देने को तैयार हैं।”

अब जब हालात बदतर हो रहे हैं, तो बातों से आगे निकलकर एक्शन मोड में आ गए हैं।

ग़ज़ा के लोग बोले – ‘कब्ज़ा हो या कंट्रोल, नतीजा तो तबाही है’

इस बीच ग़ज़ा में माहौल बेहद तनावपूर्ण है। इसराइली कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की उस योजना को मंज़ूरी दे दी है जिसमें ग़ज़ा पर प्रत्यक्ष नियंत्रण का जिक्र है।

ग़ज़ा के निवासी ने कहा, “कब्जा और नियंत्रण में फर्क हो सकता है, पर नतीजा वही है – विस्थापन और बर्बादी।”

वहीं, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एहाब अल-हेलू का दर्द कुछ अलग था:

“हमास के नेता किसी साइंस फिक्शन में जी रहे हैं। हमें कुर्बान करने का फैसला आप कैसे कर सकते हैं?”

“राजनीति कर लो, इंसानियत हम कर लेंगे”

जब दुनिया बड़ी-बड़ी भाषणबाज़ी कर रही है, इंडोनेशिया कह रहा है — “हमें यूएन वोटों की ज़रूरत नहीं, हमें इलाज करना है।”

गलांग द्वीप अब ‘ग्लोबल इंसानियत’ की नई राजधानी बन सकता है — जहां वीसा नहीं, बस ज़ख्म दिखाने पर इलाज मिलेगा।

उम्मीद वहीं है जहां इरादा साफ हो

इसराइल-हमास संघर्ष में फंसे ग़ज़ा के लोग भले ही ‘चमत्कार’ की उम्मीद में हों, पर इंडोनेशिया की यह पहल यथार्थ का चमत्कार है। यह दिखाता है कि जब दुनिया बहस कर रही हो, तब कोई एक देश इलाज करके इतिहास बना सकता है।

“फ्लैट, फायदे और फोर्स मोटर्स” — PK का नया पॉलिटिकल पंच

Related posts

Leave a Comment