Jakarta में बेकाबू हुआ विरोध, बाइक टैक्सी ड्राइवर की मौत के बाद तनाव

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

देश की राजधानी इन दिनों अशांति का केंद्र बन गई है। गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन में एक बाइक टैक्सी राइडर अफ़्फ़ान कुर्नियावान की पुलिस वाहन की चपेट में आकर मौत हो गई। इसके बाद विरोध और ज़्यादा आक्रामक हो गया।

मज़दूरी से लेकर सांसदों की सैलरी तक – विरोध का दायरा बड़ा

शुरुआत मज़दूर संगठनों की ओर से मज़दूरी बढ़ाने और टैक्स कम करने की मांग से हुई थी।
लेकिन अब विरोध में शामिल हो गए हैं:

राइड ऐप ड्राइवर

स्टूडेंट्स

युवा संगठन

आम जनता

सभी की मांग है – “इंसाफ और जवाबदेही।”

पुलिस बनाम जनता – झड़पें और आंसू गैस

जकार्ता में शुक्रवार को पुलिस हेडक्वॉर्टर की ओर बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाज़ी की।

हालात को देखते हुए:

स्कूलों को जल्दी बंद किया गया। कई कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम लागू किया।

प्रदर्शन की आग फैली — सुरबाया से ईस्ट जावा तक

अब ये प्रदर्शन केवल जकार्ता तक सीमित नहीं हैं।
प्रदर्शन की लपटें इन शहरों तक पहुंच चुकी हैं:

  • मेदान

  • ईस्ट जावा

  • सुरबाया

यहाँ तक कि ईस्ट जावा के गवर्नर के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया गया।

राष्ट्रपति की अपील – “सरकार आपकी है”

राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और पुलिस चीफ़ ने मृतक अफ़्फ़ान के परिवार से माफ़ी मांगी।
सुबियांतो ने कहा:

“हम हर ज़रूरी कदम उठाएंगे। जनता की शिकायतों को सुना जाएगा।”

लेकिन जनता अब बयान नहीं, एक्शन की मांग कर रही है।

सड़क पर जनादेश है – भरोसा टूटा, जवाब चाहिए

इस विरोध ने यह साफ़ कर दिया है कि लोग अब सिर्फ़ आर्थिक नहीं, सामाजिक न्याय की भी माँग कर रहे हैं। बाइक टैक्सी राइडर की मौत, केवल एक हादसा नहीं, एक चिनगारी बन चुकी है। जकार्ता की सड़कों पर जो शोर है, वो सिर्फ़ नाराज़गी नहीं – न्याय की पुकार है।

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