
IndiGo में जारी बड़े ऑपरेशनल क्राइसिस के बीच भारत सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने घटना की High-Level Inquiry का आदेश दिया है—यानी अब यह खोजा जाएगा कि गड़बड़ की जड़ कहाँ है और जिम्मेदारी किसकी है।
मंत्रालय ने कहा है कि आधी रात तक एयरलाइन का शेड्यूल काफी हद तक सुधर जाएगा, और अगले तीन दिन में स्थिति पूरी तरह नॉर्मल करने का टारगेट है। उधर एयरलाइंस को साफ निर्देश—“तुरंत काम पर लगो और सिस्टम स्टेबल करो!”
Passengers First: सरकार ने दिए सख्त आदेश
Aviation Ministry ने एयरलाइंस को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:
- Real-time delay updates डिजिटल सिस्टम से
- फ्लाइट कैंसिल होने पर ऑटो-रिफंड
- एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों के लिए फ्री होटल स्टे
- Senior citizens के लिए special assistance
- कैंसिल/लेट फ्लाइट यात्रियों को refreshments & comfort facilities
अब सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे— “IndiGo के बाद अब सरकार भी ‘On-time performance’ दिखाने में लगी है!”
Crisis Monitoring in Real Time
स्थिति को कंट्रोल करने के लिए मंत्रालय ने 24×7 कंट्रोल रूम बना दिया है। यहीं से पूरे देश की उड़ानों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग हो रही है और एयरलाइंस को लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मंत्रालय DGCA, सभी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और एयरलाइंस के साथ लगातार संपर्क में है—यानी पूरा Aviation Sector अब “SOS मोड” में काम कर रहा है।
Railways भी ‘Rescue Mode’ में उतरी – Extra Coaches की व्यवस्था
IndiGo क्राइसिस से बढ़ी यात्रा मांग को देखते हुए भारतीय रेल भी मदद के लिए मैदान में उतर आई है।

कुछ प्रमुख ट्रेनों में जोड़े गए Extra Coaches:
- 12425/26 राजधानी एक्सप्रेस — Extra 3AC Coach
- 12424/23 डिब्रूगढ़ राजधानी — Extra 3AC Coach
- 12045/46 चंडीगढ़ शताब्दी — Extra CC Coach
- 12030/29 अमृतसर शताब्दी — Extra CC Coach
रेलवे ने कहा है कि यात्रियों की जरूरत देखकर और भी अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे। लोग मजाक कर रहे—“IndiGo लेट हुई, तो Railways बन गई Superhero!”
किसकी गलती? जांच से तय होगी जवाबदेही
सरकार की हाई-लेवल जांच में यह स्पष्ट होगा- क्या यह टेक्निकल फेल्योर था? मैनेजमेंट की चूक? स्टाफ की कमी? या कहीं सिस्टमिक गड़बड़ी?
जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
