“रुद्र-भैरव-दिव्यास्त्र: अब सेना बोलेगी – आओ अगर हिम्मत है!”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

कारगिल विजय दिवस के मौके पर जब बाकी देश शहीदों को नमन कर रहा था, तब भारतीय सेना ने दुश्मनों को एक pre-booked डर भेज दिया। सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने एलान किया कि अब सेना में आने वाला है रुद्र ब्रिगेड, भैरव बटालियन और दिव्यास्त्र बैटरी का महाशक्तिमान पैकेज – सीधा डीटीएच कनेक्शन नहीं, डीओए यानी Death on Arrival!

रुद्र ब्रिगेड: फुल-ऑप्शनल आर्मी किट

जिन्हें अब तक लगता था कि सेना के अलग-अलग हिस्से युद्ध में एकसाथ आते हैं, वो जान लें कि ‘रुद्र ब्रिगेड’ अब वो सबकुछ एक ही डब्बे में लाएगी – इन्फैंट्री, टैंक, तोप, ड्रोन, स्पेशल फोर्सेज और जरूरत पड़ी तो पकोड़े तलने वाला जवान भी।
रुद्र ब्रिगेड यानी “अब एक्सरसाइज में नहीं, हर वक्त एक्सेलरेटर में।”

भैरव बटालियन: साइलेंस में हिंसक

अगर दुश्मन सोचता है कि वो रात के अंधेरे में कुछ कर गुजरेगा, तो भैरव बटालियन पहले से उसके सपनों में दाखिल हो चुकी होगी। ये लाइट कमांडो बटालियन, ‘घुसो, मारो, निकलो’ स्टाइल में काम करेगी।
इनके पास होंगे आधुनिक हथियार, ड्रोन, नाइट विजन, और इतनी फुर्ती कि दुश्मन कहेगा – “क्या सच में आए थे?”

दिव्यास्त्र बैटरी: Surveillance का ब्रह्मास्त्र

अब तोप सिर्फ शोर मचाने की मशीन नहीं रहेगी। आर्टिलरी रेजिमेंट में जोड़े जाएंगे दिव्यास्त्र निगरानी सिस्टम और लोइटरिंग म्यूनिशन – यानी ऐसा गोला जो दुश्मन के सिर पर चक्कर काटते हुए कहेगा – “तेरा टाइम आ गया है!”
अब युद्ध मैदान में “डिटेक्शन” और “धमाका” साथ-साथ आएगा – Buy one, blast two ऑफर के साथ।

आकाश प्राइम: ऊँचाई पर बैठे गब्बर

आर्मी एयर डिफेंस को मिल रही हैं दो नई आकाश प्राइम मिसाइल रेजिमेंट। इनका ठिकाना – चीन के ऊँचे पहाड़। अब ऊंचाई पर कोई दुश्मन उड़ने की सोच भी रहा हो तो पहले मिसाइल उसे “ऊपरवाला” बना देगी।
तीन और क्विक रिएक्शन मिसाइल रेजिमेंट भी आएंगी – इनका काम: “दुश्मन दिखे तो ट्रिगर खींचने से पहले सोचना नहीं।”

ड्रोन प्लाटून: हर बटालियन की आंखें अब उड़ेंगी

भारतीय सेना अब हर इन्फैंट्री बटालियन को दे रही है अपना ड्रोन प्लाटून। ड्रोन अब सिर्फ शादी की शूटिंग के लिए नहीं, बल्कि दुश्मन की आखिरी यात्रा रिकॉर्ड करने के लिए भी होंगे।
प्लाटून लीडर अब सिर्फ “धावा बोलो!” नहीं कहेगा, बल्कि बोलेगा – “ड्रोन उड़ाओ, लोकेशन पिन करो और सटीक वार करो।”

इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप: यूनिट नहीं, यूनिवर्स

आर्मी की पुरानी यूनिट्स को अब इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में बदला जाएगा। हर ग्रुप में होगा पूरा का पूरा युद्ध का combo pack — 5000-6000 जवान, टैंक, इंजीनियर, मिसाइल, सिग्नल और खाना गर्म रखने वाला Tiffin.
सरकार से मंजूरी बाकी है, लेकिन सेना ने साफ कर दिया है – हम तो रेडी बैठे हैं, फाइल भेज दो बस।

ऑपरेशन सिंदूर: ट्रेलर था, अब फिल्म चलेगी

मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर को सेना प्रमुख ने बताया – एक ऐसा जवाब जिसने पाकिस्तान को दिन में तारे और टीवी पर रिपीट टेलीकास्ट दिखा दिया।
जनरल द्विवेदी बोले,

“हमने शांति दी, उन्होंने कायरता दिखाई, तो हमने ‘भैरव मोड’ ऑन कर दिया।”

अब अगर कोई गलती दोहराई गई, तो जवाब “लेटर बॉम्ब” नहीं, सीधे “लॉन्च पैड बस्ट” होगा।

अब LAC और LoC दोनों पर ‘No Entry’ बोर्ड लगेगा

इस सटीक, सटीकतर और सटीकतम रणनीति के साथ भारत ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी ‘उरी’ या ‘गालवान’ दोहराने चला, तो लौटेगा नहीं – बल्कि उसके हथियार भारतीय म्यूज़ियम में सजाए जाएंगे।
और हां, ड्रोन प्लाटून फोटो भी खींचेगी – ताकि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रूफ भी रहे।

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