भारत ने खोले डैम के गेट, पानी का हमला? जी हां, ये नया भारत है!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सिर्फ चेतावनी नहीं दी, बल्कि सलाल और बगलिहार डैम के ज़रिए वाटर स्ट्राइक कर डाली! पहले पानी रोका, अब इतने गेट खोल दिए कि पाकिस्तान में लोग छाता नहीं, नाव ढूंढ रहे हैं!

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डैम खोलने का ‘गेट खुला’ फैसला क्यों लिया गया?

जम्मू-कश्मीर में हुई मूसलाधार बारिश के चलते जलाशयों में पानी छत तक पहुंच गया। सुरक्षा और मैनेजमेंट के लिहाज़ से भारत ने सलाल और बगलिहार डैम के Sluice Gates खोल दिए। पानी निकाला नहीं तो कहां जाता भई?

पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी!

गेट खुलते ही चेनाब नदी का जलस्तर पाकिस्तान की तरफ़ तेज़ी से बढ़ने लगा। मतलब – “अब पानी ही पानी होगा!” इससे पाकिस्तान के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कुछ जगह तो पानी “कमर से ऊपर, होश से बाहर” वाली हालत में पहुंच चुका है।

सिंधु जल संधि की गलती या रणनीति?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुलकर कहा –

“1960 की सिंधु जल संधि हमारे किसानों के साथ ऐतिहासिक अन्याय थी। अब एक-एक बूंद भारत के विकास में लगेगी।”

तो भैया, अब सिर्फ पानी नहीं बहेगा – भावनाएं भी बहेंगी!

बगलिहार डैम: ताकतवर पर सीमित

बगलिहार डैम एक Run-of-the-River पनबिजली परियोजना है। इसमें भले ही ज्यादा स्टोरेज न हो, लेकिन “कम समय में ज़्यादा असर” वाला फार्मूला जरूर है! 3 से 6 दिन तक ही पानी रोक सकता है, मगर उस एक झटके से पड़ोसी की नींद उड़ सकती है।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी असर

भारी बारिश + लैंडस्लाइड = जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे हुआ बंद। लोग फंसे, गाड़ियां रुकीं, और मौसम बोला – “मैं हूं गर्मियों का विलेन!”

अब पानी भी बनेगा पॉलिटिक्स का हथियार!

जिस पानी को अब तक बहने दिया गया, अब वही कूटनीति की धार बन चुका है। भारत ने दिखा दिया कि हमला सिर्फ गोली से नहीं, बूँद-बूँद से भी किया जा सकता है!

अब पाकिस्तान को ये समझना होगा कि नदी के इस पार सिर्फ शांति नहीं बहती…कभी-कभी भारत की नाराज़गी भी बह जाती है!

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