“4 गोल्ड, 1 देश, 0 चांस की बात – इंडिया ने कमाल कर दिया जनाब!”

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

2025 की स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत ने जो किया है, वो आज से पहले सिर्फ सपना लगता था।  आनंदकुमार वेलकुमार — सीनियर मेंस 1000 मीटर में गोल्ड मेडल, क्रिश शर्मा — जूनियर मेंस 1000 मीटर में गोल्ड मेडल।

इतिहास में पहली बार भारत ने इस प्रतियोगिता में कोई गोल्ड जीता और वो भी डबल धमाका करके!
“गति” अब भारत की भी पहचान बन चुकी है।

नंदकुमार बने पहले वर्ल्ड चैंपियन स्केटर

PM नरेंद्र मोदी ने खुद एक्स (Twitter) पर लिखा:

“आनंदकुमार की गति, धैर्य और जज़्बे ने भारत को स्पीड स्केटिंग में पहला वर्ल्ड चैंपियन दिया है। गर्व है!”

यानी अब “स्केटिंग रिंक” में भी ‘भारत माता की जय’ गूंजने लगी है।

क्रिश शर्मा की सुनहरी स्लाइड

क्रिश शर्मा ने जूनियर कैटेगरी में जीत दर्ज की, लेकिन उनका प्रदर्शन सीनियर लेवल को टक्कर देता है।

उनका स्टाइल देख कर कोच भी बोले “ये बच्चा नहीं, रॉकेट है रॉकेट!”

बॉक्सिंग रिंग में भी इंडियन पंच – जैस्मिन और मीनाक्षी की वापसी शानदार

लिवरपूल (इंग्लैंड) में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी भारत का परचम लहराया:

  • जैस्मिन लंबोरिया – 57 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड

  • मीनाक्षी हुड्डा – 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड

जैस्मिन बोलीं:

“पहले दो बार चूकी, अब गोल्ड के साथ वापसी की।”

मतलब, “गोल्डन गर्ल” की असली परिभाषा जैस्मिन हैं।

दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत

दोनों बॉक्सर जैसे ही भारत लौटीं, एयरपोर्ट पर तिरंगा लहराता दिखा और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत हुआ।

मीनाक्षी ने कहा:

“अब टारगेट है — नोएडा में होने वाला वर्ल्ड कप गोल्ड!”

देश के लिए गोल्ड जीतने वाली इन बेटियों ने साबित कर दिया कि “पंच अगर सही जगह पड़े, तो इतिहास बनता है!”

भारत की स्पोर्ट्स क्रांति ज़ोरों पर!

अब स्पोर्ट्स इंडिया सिर्फ क्रिकेट नहीं — स्केटिंग, बॉक्सिंग, रेसलिंग, शूटिंग… हर जगह इंडिया चमक रहा है।

ये सब केवल खिलाड़ियों की मेहनत नहीं, मिशन ओलंपिक विंग, आर्मी कोच, और पूरा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी मेडल के पीछे की ताक़त है।

इंडिया अब सिर्फ “ट्राई” नहीं करता, इंडिया “गोल्ड” करता है!

4 गोल्ड मेडल, 4 स्टार प्लेयर, एक ही संदेश — “नाम रोशन करने के लिए नाम बड़ा नहीं, काम बड़ा होना चाहिए!”

आज आनंदकुमार, क्रिश, जैस्मिन और मीनाक्षी का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है और हर भारतीय के दिल में भी।

तो अगली बार जब कोई पूछे, इंडिया कहां जा रहा है?
जवाब दो —
“गोल्ड की ओर!”

“देहरादून बहा नहीं, संभल गया – लेकिन बारिश ने खूब डराया!”

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