
उत्तर भारत में हो रही मूसलधार बारिश अब सिर्फ लोकल नहीं रही, इसका असर इंटरनेशनल रिलेशनशिप तक जा पहुंचा है। भारत ने पाकिस्तान को एक आधिकारिक अलर्ट जारी करते हुए सतलुज और तवी नदी में संभावित बाढ़ के खतरे की जानकारी दी है।
जम्मू की तवी नदी और पंजाब की सतलुज नदी, दोनों ही पानी से लबालब हैं — और अगर आसमान इसी तरह मेहरबान रहा, तो पाकिस्तान में भी छतों से टंकी नहीं, नदी का पानी बरसने लगेगा।
“बांध खोलो… लेकिन धीरे बोलो!”
उत्तर भारत की हालत ऐसी हो गई है कि बड़े-बड़े डैम ‘खुल्ला खेल फर्रुखाबादी’ मोड पर आ गए हैं। बारिश का इतना जलवा है कि राज्यों को भाखड़ा डैम, हरिके बैराज और फिरोजपुर से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ रहा है, जिससे नदियों का जलस्तर खतरनाक जोन में पहुंच गया है।
भारत-पाकिस्तान: नदियों के जरिए डिप्लोमेसी?
भारत ने पाकिस्तान को ये अलर्ट भेजकर बताया कि “भाई, सावधान रहना, पानी अपने आप नहीं रुकेगा”।
पाकिस्तान का सिंचाई मंत्रालय पहले से ही परेशान था, अब भारतीय हाई कमीशन के इस अलर्ट से पसीना और पानी — दोनों बहने लगे हैं।

“पाकिस्तान बोले – पहले ही डूबे हैं यार!”
पाकिस्तान के कई इलाके पहले से ही बाढ़ की चपेट में हैं। ऐसे में भारत का अलर्ट उनके लिए वैसा ही है जैसे तैरते हुए को और पत्थर थमाना। लेकिन फिर भी अलर्ट देना एक ज़िम्मेदार पड़ोसी का काम है — और भारत इस रोल को बखूबी निभा रहा है।
क्या यह मानसून डिप्लोमेसी है?
अब लोग पूछ रहे हैं — ये सिर्फ मौसम है या मौसम के बहाने कुछ और?
जवाब ये है:
बारिश का पानी सरहद नहीं देखता, लेकिन अलर्ट भेजना ये दिखाता है कि देश भले अलग हों, नदियाँ और नैतिकता की लहरें जुड़ी होती हैं।
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