
चौथे टेस्ट में भारत के 358 रन का जवाब देते हुए इंग्लैंड ने 544/7 का विशाल स्कोर ठोक डाला। जो रूट ने 150 रनों की क्लासिकल पारी खेली और साबित कर दिया कि पुराने बल्ले में भी आज भी बहुत दम है। इंग्लैंड को 186 रन की बढ़त मिल चुकी है, और भारत का बैकफुट पर होना अब सिर्फ कहावत नहीं, हकीकत है।
Highlights: रन बरसे, विकेट गिरे और भारत का माथा ठनका
इंग्लैंड की पहली पारी | आंकड़े |
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कुल स्कोर | 544/7 (135 ओवर) |
लीड | 186 रन |
टॉप स्कोरर | जो रूट (150), डकेट (94), क्रॉली (84), पोप (71), स्टोक्स (77*) |
टॉप बॉलर भारत से | वाशिंगटन सुंदर 2/96, जडेजा 2/172 |
जो रूट का सुपरशतक:
38वां शतक ठोककर रूट ने कुमार संगकारा की बराबरी कर ली और अब सचिन, पोंटिंग और कोहली से ही पीछे हैं। 150 रन बनाकर वह आउट हुए, लेकिन भारत के गेंदबाज़ अब भी उनकी बल्लेबाज़ी को भूल नहीं पाएंगे।
बुमराह के लिए अलार्म: एक ओवर फेंका और बाहर!
भारतीय फैंस की चिंता तब बढ़ गई जब जसप्रीत बुमराह नई गेंद से सिर्फ एक ओवर फेंककर मैदान से बाहर चले गए। क्या चोट है या चयन पर कोप? फिलहाल रहस्य बरकरार है, टीम इंडिया की रणनीति भी।
Ben Stokes हुए रिटायर हर्ट:
जब भारत को लगा था कि अब विकेट मिल सकता है, स्टोक्स बैकफुट पर नहीं, बैकस्पाज पर चले गए। 66 रन बनाकर रिटायर हर्ट हुए लेकिन फिर लौटे और 77* पर डटे हैं। शायद प्लान यही है कि भारत को खुद ही थकने दो।
भारत की हालत: गेंदबाज़ी में धुंध और कप्तानी में कुहासा
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मोहम्मद सिराज ने 1 विकेट तो लिया, पर 131 रन भी दिए।
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रविंद्र जडेजा ने 1 विकेट के लिए 33 ओवर में 172 रन दिए, यानी सेल्फ सर्विस वाली इकॉनमी।
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कुलदीप यादव बाहर बैठे हैं क्योंकि भारत को लगता है, 8वें नंबर पर बल्लेबाज़ ज्यादा जरूरी हैं — विकेट नहीं!
R. अश्विन भी पूछ रहे हैं: “क्या बॉलिंग बैकअप को सिर्फ आईपीएल के लिए रखा गया है?”
अब आगे क्या?
Day 4 पर सवाल:
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क्या इंग्लैंड भारत को फॉलोऑन देगा?
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क्या बुमराह गेंदबाज़ी करेंगे या जले पर नमक डालेंगे?
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क्या भारत दिन निकाल पाएगा या सीरीज भी गवां देगा?
मैनचेस्टर में तीसरे दिन भारत की बॉलिंग देखकर इतना तय है:
“जो रूट ने इंग्लैंड की पारी नहीं, भारत की उम्मीदों को All-Out किया है।” बेन स्टोक्स की वापसी और डॉसन की टिकाऊ बैटिंग ने यह भी साबित कर दिया कि भारत ‘Bazball’ से ज्यादा परेशान है, ‘Backfoot-ball’ से।
बीसीसीआई अब विचार कर रहा है कि गेंदबाज़ों को 8वें नंबर पर बैटिंग सिखाई जाए, ताकि विकेट न लें तो कम से कम अर्धशतक मारें।
और कप्तान के लिए एक नया मंत्र:
“बॉल पहले सोचो, बाद में फेंको… और अगर न फेंको तो कोई बात नहीं, बल्लेबाज़ी कर लेना!”
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