
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आजमगढ़ में 91.35 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करते हुए कहा कि यूपी अब बिमारू नहीं, एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन चुका है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 की दिशा में राज्य सरकार पूरी रफ्तार से काम कर रही है। एक समय जो आजमगढ़ डर और बदनामियों का प्रतीक था, आज विकास की नई पहचान बन रहा है।
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एक्सप्रेसवे का उद्घाटन और ‘डबल इंजन’ सरकार की चाल
मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को बीजेपी की डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों से जोड़ा और पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे अधूरा छोड़ दिया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने छह बड़े एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।”
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की खास बातें
लंबाई: 91.35 किमी
कनेक्टिविटी: गोरखपुर से आज़मगढ़ (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सलारपुर तक)
जिले: गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़
लागत: ₹7283.28 करोड़
संभावित विस्तार: भविष्य में 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है
रूट डिटेल्स – दो हिस्सों में बंटा सफर
पहला खंड: जैतपुर (गोरखपुर) से फुलवरिया (अंबेडकर नगर) तक – 48.317 किमी
दूसरा खंड: फुलवरिया से सलारपुर (आज़मगढ़) तक – 43.035 किमी
आज़मगढ़ अब बदल रहा है – नाम नहीं, पहचान बन रहा है
सीएम योगी ने कहा कि पहले लोग आज़मगढ़ का नाम लेने से कतराते थे, लेकिन अब वही आजमगढ़ एक्सप्रेसवे के ज़रिए विकास की दौड़ में शामिल हो गया है। यह बदलाव यूपी की बदलती तस्वीर की गवाही दे रहा है।
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