
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में हुई और इस बार बैठकों में केवल चाय-बिस्कुट ही नहीं, कुछ असली काम भी हुआ।
करुणामूलक आधार पर मिली राहत
सरकार ने वो किया जिसका कई परिवारों को इंतजार था—500 पदों को करुणामूलक आधार पर भरने की मंजूरी। पात्रता की आय सीमा अब ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है।
45 साल से कम उम्र की विधवाएं और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी। अब सिस्टम भी थोड़ा भावुक हुआ है।
रात को ड्यूटी? महिलाएं तैयार रहें!
सरकार ने महिलाओं को स्वेच्छा से 12 घंटे तक काम करने और रात 7 से सुबह 7 बजे तक शिफ्ट में काम करने की इजाजत दी है।
मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत सभी सुविधाएं मिलेंगी। तो अब महिलाएं कह सकती हैं – “हम नाइट शिफ्ट में भी चमकेंगे!”
बस यह मत पूछिएगा कि सुरक्षा इंतज़ाम क्या होंगे, क्योंकि सरकार ने उस पर “अभी बैठक चल रही है” का टैग लगाया है।
स्वास्थ्य शिक्षा को मिला बूस्टर डोज़
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शिमला के सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में सीटें 60 से बढ़कर 100।
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टांडा में नया नर्सिंग कॉलेज – 60 सीटें, 27 नए पद स्वीकृत।
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B.Ed का कॉमन एंट्रेंस टेस्ट अब HPU कराएगा।
छात्रों को राहत नहीं, तैयारी और टेंशन फ्री पैकेज मिला है।
ऊर्जा क्षेत्र में झटका, लेकिन लॉजिक के साथ
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172 लघु जल विद्युत परियोजनाएं रद्द।
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5 मेगावाट तक की नई परियोजनाओं पर 12% फ्री बिजली रॉयल्टी + 1% लोकल डेवलपमेंट फंड अनिवार्य।
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HPPCL की कर्ज सीमा ₹5000 करोड़ से बढ़कर ₹6200 करोड़।
अब प्रोजेक्ट्स “जल” नहीं रहे, सरकारी लालफीताशाही में “जल” गए।
अन्य फैसले – उड़ान, पार्क और योजना
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शिमला-धर्मशाला हवाई सेवा एक साल और जारी।
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कांगड़ा एयरपोर्ट की डेडलाइन अगस्त 2026 तक बढ़ी।
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नालागढ़ मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए उप-समिति गठित।
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धौलाकुआं-माजरा के लिए विकास योजना पास।
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नशे की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति – क्योंकि मुद्दा गंभीर है, मीम नहीं।
“भगवा हुआ साफ़”: NIA की जांच गई धुंए में, कोर्ट ने सभी आरोपी बरी किए