
शनिवार को एक बड़ी दुर्घटना टल गई जब संजीवनी हेली एंबुलेंस केदारनाथ में आपात लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हेलीकॉप्टर का टेल रोटर (पिछला हिस्सा) टूट गया, लेकिन पायलट की सूझबूझ से सभी सवार सुरक्षित बच निकले।
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क्या हुआ था?
जिला पर्यटन विकास अधिकारी और नोडल हेली सेवा अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार:
“दर्शन को आई एक महिला श्रद्धालु को सांस लेने में परेशानी हुई। तबियत बिगड़ती देख संजीवनी हेली एंबुलेंस को बुलाया गया। इसमें एम्स ऋषिकेश से आई डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की मेडिकल टीम थी।”
जैसे ही हेलीकॉप्टर मुख्य हेलीपैड पर उतरने की कोशिश कर रहा था, तभी उसमें तकनीकी खराबी आ गई। पायलट ने समझदारी दिखाते हुए हेलीपैड से कुछ पहले एक समतल जगह पर इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की। हालांकि इस दौरान हेलीकॉप्टर का पिछला रोटर टूट गया, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।
बचाव की कहानी: पायलट की समझदारी ने बचाई जान
हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में:
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1 डॉक्टर
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1 नर्सिंग स्टाफ
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और पायलट सवार थे।
सभी सुरक्षित हैं। इस घटना ने यह भी दिखाया कि अगर रियल-टाइम फैसले सही हों, तो जानें बचाई जा सकती हैं, भले ही मशीन जवाब दे जाए।
अब क्या होगा? DGCA करेगा जांच
राहुल चौबे ने कहा:
“इस हादसे की तकनीकी जांच DGCA द्वारा की जाएगी। रिपोर्ट के बाद ही असली कारण सामने आएगा।”
पृष्ठभूमि में श्रद्धालु और सीमित संसाधन
केदारनाथ जैसे दुर्गम स्थल पर हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। सीमित ऑक्सीजन, ऊंचाई और मौसम के बदलाव के कारण मेडिकल इमरजेंसी आम हैं।
ऐसे में हेलीकॉप्टर सेवाएं संजीवनी से कम नहीं, लेकिन तकनीकी सुरक्षा और निगरानी बेहद ज़रूरी है।
संकट टला, सबक मिला
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हादसा हुआ, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ।
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पायलट की सूझबूझ ने हादसे को बड़ा बनने से रोका।
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DGCA जांच तय करेगी – आगे ऐसी घटनाएं कैसे रोकी जाएं।
यह घटना एक अलर्ट है – तकनीक पर भरोसा करें, लेकिन इंसानी विवेक की भी कद्र करें।
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