
ब्रिटेन की ऐतिहासिक संसद में पहली बार हनुमान चालीसा का पाठ हुआ — और वो भी किसी टोरी नेता या लेबर सांसद ने नहीं, बल्कि भारत के आध्यात्मिक योद्धा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में! बागेश्वर धाम की आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, यह ब्रिटिश संसद के इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी भारतीय धार्मिक ग्रंथ की आवाज वहां गूंजी।
वीडियो में क्या था?
वीडियो में देखा जा सकता है कि संसद के अंदर भगवा वस्त्र पहने पंडित जी मंत्रोच्चार कर रहे हैं, और पीछे-पीछे संसद भवन में मौजूद अधिकारी, नेता और अतिथि भक्तिभाव से आंखें मूंदे पाठ दोहरा रहे हैं। कुछ को शायद उच्चारण में संघर्ष हो रहा था, लेकिन श्रद्धा पूरी 5G स्पीड से थी।
अंतर्राष्ट्रीय सनातनी यात्रा का हिस्सा
धीरेंद्र शास्त्री इस समय अपने अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच प्रोग्राम पर हैं। इस अभियान में वो ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप के कई देशों में सनातन धर्म की गूंज पहुँचा रहे हैं। लंदन इस यात्रा की बड़ी उपलब्धियों में गिना जा रहा है।
“जिस संसद में कभी ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की योजनाएं बनती थीं, वहां आज ‘हनुमान चालीसा’ गूंज रही है!”
ब्रिटिश संसद और भारतीय संस्कृति: नई शुरुआत?
इस कार्यक्रम को कई लोग ‘धर्म और डिप्लोमेसी का मिलाजुला मसाला’ मान रहे हैं। जहां भारत में कुछ लोग इस पहल को धर्म का प्रचार मानते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे कल्चरल डिप्लोमेसी का बेहतरीन उदाहरण कहा जा रहा है।
ब्रिटेन में बसे प्रवासी भारतीयों के लिए ये क्षण गर्व और गौरव का रहा। आखिर बजरंग बली अब थेम्स नदी के किनारे भी विराजमान हो चुके हैं!
सनातन Goes Global: क्या कहता है ये ट्रेंड?
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भारत की सॉफ्ट पावर अब सिर्फ योग और आयुर्वेद तक सीमित नहीं है।
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“जय श्री राम” और “हनुमान चालीसा” भी अब ग्लोबल मंत्र बनते जा रहे हैं।
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पश्चिमी देशों में भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।
“बॉलीवुड के बाद अब बागेश्वर धाम ग्लोबल ब्रांड बनता दिख रहा है” – सोशल मीडिया यूज़र
बाबा का बुलावा अब विदेशों में भी पहुंच गया है।
ब्रिटिश संसद में “हनुमान चालीसा” पाठ सिर्फ धार्मिक पहल नहीं, बल्कि एक संस्कृति की विश्व यात्रा है।
धीरेंद्र शास्त्री का ये कदम यह दिखाता है कि आज का भारत न सिर्फ टेक्नोलॉजी और रक्षा में शक्तिशाली है, बल्कि धर्म और विचारों से भी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।