
केंद्र सरकार ने फिर से टैक्स सिस्टम की सर्जरी करने की ठान ली है — इस बार ऑपरेशन का नाम है: “GST Simplification 2.0”
अगर ये प्रस्ताव पास हो गया, तो 12% और 28% GST स्लैब इतिहास बन जाएंगे, और हर दुकानदार को रेट चार्ट बदलवाने के लिए नया प्रिंट ऑर्डर देना पड़ेगा।
क्या-क्या बदलने वाला है?
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12% स्लैब को हटाकर 5% में समाहित किया जाएगा।
मतलब: ब्रश से लेकर बैग तक सस्ते होने की संभावनाएं। -
28% स्लैब को घटाकर 18% किया जाएगा।
यानी फ्रिज, एसी और टीवी देखने का प्लान फिर से बनाइए।
पर रुकिए जनाब, सरकार ने भी कहा है – “कुछ चीजें VIP हैं!”
लग्जरी आइटम्स पर ‘Special Attention’
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शराब, तंबाकू, परफ्यूम्स, लग्जरी कारें और गोल्डन आईलाइनर जैसी “प्रेरणादायक” चीजों पर 40% तक का स्पेशल टैक्स लग सकता है।
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सरकार का मानना है कि:
“मूड बनाना है तो टैक्स भी बनाओ।”
सरकार का तर्क: “स्लैब घटाओ, सिस्टम सुलझाओ”
GST के तहत वर्तमान में चार स्लैब चलते हैं – 5%, 12%, 18%, और 28%। सरकार अब इसे घटाकर सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% पर लाना चाहती है। एक प्रस्ताव GOM (मंत्रियों का समूह) और सभी राज्यों को भेजा जा चुका है। अगर राज्यों ने समर्थन किया, तो नया GST मॉडल 2026 तक लागू हो सकता है।
GST समझिए लेकिन घबराइए नहीं
GST यानी Goods and Services Tax, देश में 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ। इसने पुराने टैक्सों की भीड़ को हटा कर एक ही टैक्स सिस्टम बना दिया – जैसा कि आपकी मम्मी कहती हैं – “इतने सारे डब्बे क्यों? एक बड़ा डब्बा रखो सबके लिए।”
GST की वर्तमान टैक्स कैटेगरीज:
| टैक्स का नाम | लागू करने वाला | इस्तेमाल कहाँ |
|---|---|---|
| CGST | केंद्र सरकार | राज्य के अंदर |
| SGST | राज्य सरकार | राज्य के अंदर |
| IGST | केंद्र + राज्य | राज्यों के बीच |
| UTGST | केंद्र सरकार | केंद्र शासित प्रदेश |
आम आदमी की चिंता: “अच्छा! तो इस बार कौन सी चीज महंगी होगी?”
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यदि 12% वाले सामान 5% में आ गए – तो थोड़ी राहत की उम्मीद।

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लेकिन अगर कंपनियां इसे “ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ी है जी” कहकर पास कर दें – तो फिर भी जेब ढीली।
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और अगर आपने अभी-अभी कोई 28% GST वाला सामान खरीदा है – तो हमारे पास आपके लिए सिर्फ एक शब्द है: “कर्म”
यह प्रस्ताव लागू हुआ तो क्या सस्ता हो सकता है?
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किचन अप्लायंसेज
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स्कूल बैग
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इलेक्ट्रॉनिक्स (सिर्फ 18% तक के)
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क्लीनिंग प्रोडक्ट्स
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होटल बुकिंग्स
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रेस्त्रां बिल (बिना एक्स्ट्रा सर्विस टैक्स)
