
लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में शुक्रवार शाम पुलिस और आबकारी विभाग की जुगलबंदी ने शराब माफियाओं की ‘पार्टी’ पर पानी फेर दिया।
मैकडॉवेल, IB और अन्य विदेशी ब्रांड की बोतलें धड़ाधड़ गिनते हुए अधिकारियों ने ऐसा ज़खीरा बरामद किया कि खुद भी चौंक गए—कीमत करीब ₹40 लाख!
बिहार और नेपाल की ‘ड्राय स्टेट’ पार्टी का था इंतज़ाम?
जांच में सामने आया कि ये शराब बिहार और नेपाल में सप्लाई की जानी थी—यानी जहां शराब बंद है, वहां ये लोग पार्टी करवाने को तैयार थे!
खुफिया सूचना के बाद आबकारी निरीक्षक विवेक सिंह के नेतृत्व में छापेमारी की गई और ‘मदिरा मिशन’ सफल रहा।
“सूचना पक्की थी, बोतलें भी असली निकलीं!”
आबकारी विभाग ने इस कार्रवाई को “बड़ी कामयाबी” बताया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश अभी जारी है।
कह सकते हैं कि इस बार कानून ने ‘कार्निवाल’ से पहले ही DJ बंद करवा दिया।
आखिर शराब माफिया इतने स्मार्ट क्यों?
कई लोगों के मन में सवाल है कि ये विदेशी ब्रांड की शराब इतनी ‘स्मूथली’ गोदामों तक पहुंचती कैसे है?
क्या कोई “ठेका-ठेका” खेल चल रहा है या “अंदर की बात बाहर आ गई”?
प्रशासन बोले: “पार्टी ओवर, भाइयों!”
शराब माफियाओं को अब कोर्ट में ‘हैंगओवर’ झेलना पड़ेगा, क्योंकि लखनऊ पुलिस ने सिर्फ बोतलें नहीं, धंधे की रीढ़ ही तोड़ दी है।
ड्राय स्टेट्स के लोगों को अब मुंह सूखने के लिए पानी ही मिलेगा!