
साल था 2017। टेराकोटा शिल्पकार चाक पर हाथ चलाते थे और ग्राहक के इंतज़ार में घड़ी देखते थे। आज वही चाक बिजली से घूम रहा है और आर्डर की गिनती ट्रकों में हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ODOP योजना (One District One Product) ने गोरखपुर की पुश्तैनी मिट्टी को देशभर के ड्रॉइंग रूम का शोपीस बना दिया है।
100 ट्रक पार, 10 करोड़ की दिवाली — ये माटी अब मीठा कमाती है
दीपावली से पहले ही गोरखपुर के टेराकोटा क्लस्टर से 100 से अधिक ट्रकों में माल देशभर में सप्लाई किया गया है।
अनुमानित टर्नओवर? — 10 करोड़ रुपए से ज़्यादा! और अब बचा है लोकल बाज़ार, जहां मांग अभी भी मटके से भरकर आ रही है।
“पहले माटी रंग छोड़ रही थी, अब माटी रंग दिखा रही है”
राजन प्रजापति, जो राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिल्पकार हैं, कहते हैं, “पहले तो खुद ही अपने आर्ट को नहीं खरीदते थे लोग, अब मॉल में लोग हमारी माटी के दीये Instagram पर पोस्ट करते हैं।“
इस साल उनके वर्कशॉप से अकेले 18 ट्रक माल बाहर गया।
हाथ से हाइब्रिड तक: जब टेराकोटा को मिला टेक्नो टच
ODOP के तहत शिल्पकारों को मिले:
- इलेक्ट्रिक चाक – अब हाथ नहीं कटे, कटिंग परफेक्ट है
- पगमील मशीन – मिट्टी अब 24 घंटे में नहीं, 1 घंटे में तैयार
- डिज़ाइन टेबल, ऋण सहायता, ब्रांडिंग और शिल्प मेलों में हिस्सेदारी
यानी “जुगाड़ू” कलाकार अब बन गए हैं “प्रोफेशनल मैन्युफैक्चरर”!
खाली नहीं बैठते कलाकार, चाक चलता है और गिनती नहीं रुकती
गोरखपुर के 500+ परिवार अब टेराकोटा उद्योग से जुड़े हैं। गांवों जैसे औरंगाबाद, गुलरिहा, बेलवा, पादरी बाजार में हर गली में कोई न कोई चाक घूम रहा है। कभी जो खाली बैठते थे, आज कह रहे हैं – “यार थोड़ा कम ऑर्डर भेजना, दिवाली में नींद भी ज़रूरी है।“

बाज़ार अब लोकल नहीं, ग्लोबल सोच रहा है
सबसे ज़्यादा डिमांड दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों से।
टेराकोटा के:
- दीये
- गणेश-लक्ष्मी मूर्तियां
- सजावटी शो-पीस
- हैंगिंग पॉट्स
- लैंप्स
हर घर में “मेड इन गोरखपुर” की चमक।
CM योगी = ब्रांड एंबेसडर ऑफ मिट्टी
शिल्पकार कहते हैं, “महाराज जी ने हमारी माटी को सोना बना दिया।”
ODOP योजना में सिर्फ योजना नहीं, ब्रांडिंग, मेले, नेटवर्किंग, ट्रेनिंग और सरकारी खरीद जैसी हर सुविधा को जोड़ा गया।
“CM साहब खुद इस ब्रांड के प्रमोटर हैं, ऐसे ब्रांड एंबेसडर का क्या जवाब!”
- कारोबार में 30% से अधिक बढ़ोतरी
- सालभर लगातार डिमांड
- नए लोगों की एंट्री — यानी मिट्टी से बने उद्यमी
गोरखपुर की ये कहानी सिर्फ मिट्टी के चाक की नहीं है, विजन, सिस्टम और संकल्प की भी है। जहां कभी कलाकारों के हाथ खाली थे,
आज उनके चाक बिज़नेस की रफ्तार से घूम रहे हैं। ODOP के ज़रिए यूपी का ये छोटा सा गांव, राष्ट्रीय बाजार का ग्लोबल खिलाड़ी बन गया है।