गोरखपुर: पशु तस्करी कांड में 33 पुलिसकर्मी लाइनहाजिर

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

गोरखपुर ज़ोन के एडीजी ने पशु तस्करों से साठगांठ के आरोप में 33 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया है।
ये कार्रवाई भ्रष्टाचार और तस्करी से मिलीभगत पर सीधे वार मानी जा रही है।

लाइनहाजिर होने वालों में शामिल:

कसया थाने के थानेदार अमित शर्मा

हाटा कोतवाली: SSI समेत 6 पुलिसकर्मी

तरयासुजान, तमकुहीराज, पटहेरवा, चौराखास और एएचटी यूनिट के कर्मी

थानों से SI, दरोगा, कांस्टेबल तक सब पर कार्रवाई

एडीजी का सख्त संदेश:

“भ्रष्टाचार और अपराध से सांठगांठ किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

नीट छात्र की हत्या के बाद घायल तस्कर की मौत!

घटना ने नया मोड़ तब लिया जब पशु तस्करी के आरोपी युवक अजहर उर्फ अजब हुसैन (21) की इलाज के दौरान मौत हो गई।
अजहर पर आरोप था कि नीट छात्र दीपक गुप्ता (17) की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

15 सितंबर को क्या हुआ था?

महुआचापी गांव में ग्रामीणों ने अजहर को दौड़ाकर पकड़ा।

ईंट-पत्थरों से बुरी तरह पीटा गया।

भीड़ और पुलिस में झड़प:

SP North समेत 4 पुलिसकर्मी घायल

अजहर को BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।

10:37 बजे हुई मौत:

शुक्रवार सुबह ICU में भर्ती अजहर ने दम तोड़ दिया। अब पुलिस शव को मोर्चरी में रखकर परिजनों से संपर्क कर रही है।

अब सवाल उठ रहे हैं…

क्या दीपक गुप्ता की हत्या प्री-प्लान थी या अफवाह?

क्या भीड़ ने न्याय के नाम पर कानून हाथ में ले लिया?

क्या पुलिस पहले से मिलीभगत में थी, तभी अब इतनी बड़ी कार्रवाई?

जनता में तनाव, प्रशासन अलर्ट मोड में

ग्रामीणों में गुस्सा, तनाव और डर का माहौल है। वहीं प्रशासन इस केस को “हाई-प्रोफाइल संवेदनशील मामला” मानकर सीनियर अफसरों की निगरानी में आगे की कार्रवाई कर रहा है।

गोरखपुर में ये मामला अब सिर्फ तस्करी या हत्या का नहीं रहा — यह अब सिस्टम की सफाई बनाम साजिश की कहानी बन चुका है।
आगे क्या होता है, ये सरकारी फैसलों और जनता की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

महिलाओं की लिखी 140 किताबें “हराम”- ये काम सिर्फ तालिबान कर सकता

Related posts

Leave a Comment