
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक बड़ी ऊर्जा क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। खजनी रोड स्थित खानिमपुर गांव में टोरेंट समूह द्वारा स्थापित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन 17 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों शाम 4 बजे होगा।
इस कार्यक्रम में गोरखपुर सांसद रवि किशन शुक्ला भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन, और क्यों है खास?
ग्रीन हाइड्रोजन वह ईंधन है जिसे बनाने के लिए इस्तेमाल की गई बिजली रिन्यूएबल स्रोतों (सोलर, विंड) से आती है। इसका मतलब है – नो पॉल्यूशन, नो कार्बन इमीशन।
इसे भविष्य का फ्यूल कहा जा रहा है क्योंकि यह:
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स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री में
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हवाई जहाज और शिपिंग सेक्टर में
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लॉन्ग डिस्टेंस ट्रांसपोर्टेशन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसकी खास बात यह है कि इसे स्टोर करके जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है।
पीएनजी प्लांट के बगल में बना ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट
खानिमपुर गांव में पहले से टोरेंट का पीएनजी प्लांट मौजूद था। अब उसी साइट पर ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट भी लगाया गया है। यह प्लांट आसपास के गीडा सेक्टर 5 और कुछ फैक्ट्रियों को फ्यूल सप्लाई के लिए तैयार किया जा रहा है।
जिलाधिकारी दीपक मीणा और SSP ने खुद साइट का निरीक्षण किया और तैयारियों की समीक्षा की है।

अभी भी कई सवालों पर सस्पेंस बरकरार
हालांकि प्लांट के टोटल इन्वेस्टमेंट, उत्पादन क्षमता और कमर्शियल यूज़ को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
स्थानीय लोगों के बीच चर्चा गर्म है — कुछ इसे रोजगार और विकास का रास्ता मान रहे हैं, तो कुछ पर्यावरणीय और सुरक्षा पहलुओं को लेकर चिंतित भी हैं।
क्या बदलेगा इसका असर?
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प्रदूषण कम होगा
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वाहनों का ऑपरेशनल खर्च घटेगा
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इंडस्ट्रियल फ्यूल के नए विकल्प खुलेंगे
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यूपी में इन्वेस्टर्स का भरोसा बढ़ेगा
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गोरखपुर को मिलेगी नई पहचान – Green Fuel Hub के रूप में
गोरखपुर से खुलेगा भविष्य का ईंधन दरवाज़ा
यह प्लांट न सिर्फ गोरखपुर बल्कि पूरे उत्तर भारत में ग्रीन फ्यूल टेक्नोलॉजी के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है। अब निगाहें 17 अगस्त को सीएम योगी के उद्घाटन और सरकार की आने वाली कमर्शियल प्लानिंग पर टिकी हैं।
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