
लंदन से खबर आई है जिसने बिजनेस जगत को झकझोर दिया — हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद परमानंद हिंदुजा (GP Hinduja) का निधन हो गया है।
85 वर्ष की उम्र में उन्होंने लंदन के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके जाने से सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक “युग” खत्म हुआ है — वो युग जिसने भारतीय उद्यमिता को ब्रिटिश बिजनेस बोर्डरूम्स तक पहुँचाया।
बंबई से ब्रिटेन तक — ‘GP’ का ग्लोबल सफर
29 जनवरी 1940 को बॉम्बे (अब मुंबई) में जन्मे गोपीचंद हिंदुजा ने जय हिंद कॉलेज से स्नातक किया। उनके पास डिग्री भले भारत की थी, लेकिन सोच थी ‘ग्लोबल’।
वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी और रिचमंड कॉलेज, लंदन ने उन्हें मानद उपाधि से सम्मानित किया — क्योंकि उन्होंने सिर्फ कारोबार नहीं, “ब्रिज” बनाया — भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक पुल।
हिंदुजा ग्रुप: चार भाइयों का साम्राज्य
गोपीचंद हिंदुजा अपने परिवार की दूसरी पीढ़ी के मुखिया थे। उनके नेतृत्व में Hinduja Group ने ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, एनर्जी, हेल्थकेयर और मीडिया सेक्टर में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई।
2023 में बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उन्होंने साम्राज्य की बागडोर संभाली और “जीपी” नाम से पहचान बनाई।
महलों जैसी शादियाँ, करोड़ों का कारोबार
उनका परिवार हर मायने में “रॉयल” था। उनके बेटे संजय हिंदुजा की शादी उदयपुर की डिजाइनर अनु महतानी से हुई थी — जिसकी शाही लागत थी लगभग 15 मिलियन पाउंड।
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक, सभी सितारे इस शादी में शामिल हुए — जैसे यह कोई “Business meets Bollywood” महोत्सव हो।

विश्व के प्रभावशाली परिवारों में एक नाम
हिंदुजा परिवार दशकों से दुनिया के सबसे प्रभावशाली और धनाढ्य परिवारों में गिना जाता है। गोपीचंद हिंदुजा को हमेशा याद किया जाएगा उनकी लीडरशिप, दूरदृष्टि और विनम्रता के लिए। उन्होंने न सिर्फ कारोबार बढ़ाया बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को वैश्विक मंच पर चमकाया।
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