“बंगाल या बांग्लादेश?” गिरिराज सिंह के बयान से ममता बनर्जी पर सियासी भूचाल

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

बिहार से आई एक तीखी राजनीतिक टिप्पणी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल ला दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे सत्ता में बने रहने के लिए बंगाल को “धीरे-धीरे बांग्लादेश” बनाने की कोशिश कर रही हैं। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है।

गिरिराज सिंह का सीधा हमला

मीडिया से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, “एक तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को बंगाल में संरक्षण दे रही हैं। यहां तक कि उन्हें नौकरी तक दी जा रही है।”

उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि ममता बनर्जी को अपने रुख पर भरोसा है, तो उन्हें खुद जांच का ऐलान करना चाहिए।

“वोट बैंक या बंगाल?” – सियासी तंज

केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ममता बनर्जी ऐसा कभी नहीं करेंगी क्योंकि उनका पूरा राजनीतिक मॉडल कथित तौर पर वोट बैंक पॉलिटिक्स पर टिका है।

“वे बंगाल की मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बांग्लादेशियों की मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं।”

यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।

BJP की आक्रामक रणनीति या चुनावी शंखनाद?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति का हिस्सा है। अवैध घुसपैठ, रोहिंग्या मुद्दा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषय पहले से ही पूर्वी भारत की राजनीति में हॉट टॉपिक बने हुए हैं।

BJP का दावा है कि पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे जनसांख्यिकी और कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

TMC का पलटवार: “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश”

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और ममता बनर्जी पहले भी ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करती रही हैं। पार्टी का कहना है कि भाजपा जानबूझकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए ऐसे बयान देती है और बंगाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।

राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ेगा असर?

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, गिरिराज सिंह का यह बयान सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं है। इसका असर बिहार, पूर्वी भारत और राष्ट्रीय राजनीति तक जा सकता है। आगामी चुनावों में घुसपैठ, राष्ट्रीय सुरक्षा और अल्पसंख्यक मुद्दे फिर से बहस के केंद्र में आ सकते हैं।

गिरिराज सिंह का बयान जहां भाजपा के कोर वोटर्स को साधने की कोशिश दिखता है, वहीं ममता बनर्जी और TMC के लिए यह एक राजनीतिक अग्निपरीक्षा बन सकता है। अब सबकी नजर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया पर टिकी है, जो इस सियासी घमासान को और तेज कर सकती है।

बिहार: जवन दिखे ला, ऊ होता नइखे… आ जवन होता, ऊ नीतीश करेला

Related posts

Leave a Comment