
“कभी आपके पेट से ऐसी आवाज़ आती है कि कुत्ता भी चौंक जाए?”
तो बधाई हो! आप नॉर्मल हैं… शायद थोड़ा ज़्यादा नॉर्मल। गैस छोड़ना शर्म की बात नहीं, बल्कि यह आपके पेट की तरफ से बजाया गया एक फील गुड साउंडट्रैक है — जिसमें हेल्दी फाइबर, हाजमा और थोड़ा सा बदबू शामिल होती है।
गोभी, ब्रोकोली और फुल-ऑन बदबू: हेल्थ के नाम पर हलचल
ब्रोकोली, फूलगोभी और पत्ता गोभी – हेल्थी तो हैं लेकिन जब ये पेट में घुसती हैं, तो वहां गैसों की महापंचायत लगती है।
सल्फर होता है इनमें, और उसके बाद गैस का क्या हाल होता है – आप नहीं, आपका बगल वाला बताएगा।
बीन्स: फाइबर की फैक्ट्री या गैस का गोदाम?
राजमा खाओ, पेट बजाओ! बीन्स यानी हेल्थ का powerhouse, पर साथ में फार्ट का भी powerhouse।
इनमें होता है रेफिनोज़ – और इसका एक ही काम है: पेट में जाकर गैस की ‘धमाल मूवी’ चलाना।
अंडा: हेल्दी है, पर मीट के साथ ये बना सकता है ‘अंडा बम’
संडे हो या मंडे, गैस तो आएगी अंडे! वैसे अंडा अपने आप में शांत जीव है, लेकिन अगर आपने इसे मीट या बीन्स के साथ खा लिया, तो पेट में केमिस्ट्री प्रैक्टिकल चालू हो जाता है – सल्फर, हाइड्रोजन, साउंड और सेंस दोनों उड़ जाते हैं।
प्याज: सिर्फ आंखों में नहीं, नाक में भी पानी ला सकता है
प्याज काटने से रोते हैं?
खाने के बाद आपके आसपास वाले रोएंगे। फ्रक्टेन नामक तत्व प्याज में होता है – और ये आपके पाचन तंत्र में जाकर ‘गैस का गदर 2’ रिलीज़ करता है।
दूध: बचपन का प्यार या वयस्कता का पेटदर्द?
दूध अच्छा है… अगर आपका पेट भी माने। लैक्टोज इन्टॉलरेंस वालों के लिए दूध डायरेक्ट पेट-प्लेनेट बम है। अगर आपने लस्सी, पनीर, दही सब एक साथ ले लिया, तो फिर अगले 4 घंटे आपके पेट और वॉशरूम के बीच लव ट्रायंगल चलेगा।
साबुत अनाज: हेल्दी वाइब्स, लेकिन पेट में बवाल
“संडे ब्रंच में ओट्स खाए थे!”
और पेट बोला – “अब मैं बताऊंगा ये ओट्स क्या हैं।”
गेहूं, जौ, ओट्स – सबके अंदर गैस पैदा करने वाला फाइबर भरा होता है। थोड़ा खाओ, पेट खुश। ज़्यादा खाओ, पेट बोल उठे – ओ भाई, मारो मुझे मारो!
सेब, नाशपाती और ‘मीठा फल, भारी फॉलआउट’
फल खाने से हेल्थ मिलती है, हां, लेकिन अगर आप सेब को सीरियसली लेते हैं – तो पेट आपको फ्रक्टोज़ का हिसाब किताब ज़रूर देगा।
सेब, नाशपाती, आम – सबमें है फ्रक्टोज़ जो सबके बस का नहीं।
नतीजा: साउंड इफेक्ट्स इन Dolby Surround।
गैस रोकना चाहिए? हां, लेकिन रिश्तों की तरह नहीं!
गैस को जबरदस्ती रोकना यानी पेट से कॉमेडी को सेंसर करना। बहुत ज्यादा रोकने से कब्ज़, दर्द और एक्स्ट्रा बदबू हो सकती है।
समाधान क्या है?
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धीरे-धीरे खाओ
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ढेर सारा पानी पियो
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कोल्ड ड्रिंक्स को पेट से दूर और पार्टी में पास रखो
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पेपरमिंट चाय ट्राय करो – और गैस बोलेगी “थैंक यू, बाबा!”
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
अगर गैस आपके रिश्तों, ऑफिस मीटिंग्स और डॉग वॉकर के भरोसे पर भारी पड़ रही है – तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
खासकर जब:
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गैस के साथ दर्द हो
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पेट फूला रहे 24×7
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बदबू ऐसी कि रूम फ्रेशनर खुद छुट्टी मांग ले
गैस वो सत्य है, जिसे छुपाने की कोशिश भी फालतू है
गैस छोड़ना एक नेचुरल जैविक हक है। दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं –
1. जो मानते हैं कि उन्हें गैस आती है।
2. और जो झूठ बोलते हैं।
अगर गैस आपकी जिंदगी बर्बाद कर रही है, तो याद रखिए — “जो हवा से लड़े, वो हवा में उड़ जाता है!”
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