
IndiGo की गुवाहाटी से चेन्नई जा रही फ्लाइट 6E6764 में अचानक हड़कंप मच गया, जब पायलट को इंधन की भारी कमी के कारण ‘फ्यूल मेडे’ सिग्नल देना पड़ा। इसे कहते हैं असली ‘फ्यूल फ्रीलांसिंग’, क्योंकि चेन्नई एयरपोर्ट पर भारी ट्रैफिक की वजह से विमान को लैंडिंग की मंजूरी नहीं मिली, और पायलट ने उड़ान को बेंगलुरु डायवर्ट करने का साहसिक फैसला लिया।
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ट्रैफिक जाम और फ्यूल की कमी
विमान ने तय समय पर गुवाहाटी से उड़ान भरी, लेकिन चेन्नई पहुंचते-पहुंचते एयर ट्रैफिक जाम के चलते उड़ान को आसमान में चक्कर काटने पड़े। शाम 8:11 बजे पायलट ने बेंगलुरु ATC को ‘फ्यूल मेडे’ का इशारा दिया — यानि “भाई साहब, पेट्रोल कम है, कुछ करो!”
8:15 बजे विमान को केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग मिली, जहां यात्रियों को उतारा गया और उन्हें रिफ्रेशमेंट दिया गया। आधे घंटे बाद विमान को रिफ्यूल कराकर फिर से उड़ान भरी गई, और रात 10:24 बजे विमान ने सुरक्षित रूप से चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड किया।
IndiGo की ‘डबल धमाका’ चिंता का विषय
इतना ही नहीं, उसी दिन सुबह चेन्नई से मदुरै जा रही एक और IndiGo फ्लाइट को तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने के 30 मिनट बाद वापस चेन्नई लौटना पड़ा। इस फ्लाइट में 60 से अधिक यात्री थे और सभी सुरक्षित हैं।
इन लगातार दो घटनाओं ने देश की सबसे भरोसेमंद एयरलाइन IndiGo की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। DGCA ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है।
DGCA की नजर और अगला कदम
DGCA ने बताया कि वे स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं और जल्द ही जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। एयरलाइंस की सुरक्षा यात्रियों का पहला अधिकार है, और ऐसी घटनाओं से यात्रियों का भरोसा कम होना स्वाभाविक है।
फ्यूल खत्म, भरोसा भी खत्म?
जहां एक तरफ IndiGo के पायलट ने फुर्ती दिखाते हुए विमान को सुरक्षित लैंडिंग दिलाई, वहीं दूसरी तरफ यात्रियों की फिक्र भी जायज है। आखिरकार, जब विमान के ‘फ्यूल फ्रीलांस’ अंदाज उड़ान भरने लगें, तो क्या अगला पड़ाव ‘मिनिमम रिस्क एयरपोर्ट’ होगा या ‘अचानक वापसी टर्मिनल’?
इधर DGCA ने हेडफोन लगाकर जांच शुरू कर दी है, वहीं यात्रियों की आशा है कि अगली बार उड़ान में ‘फ्यूल कम’ नहीं बल्कि ‘सुरक्षा ज्यादा’ हो।
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