
हर साल मई आते ही मां के गुणगान से सोशल मीडिया भर जाता है — “मां नहीं होती तो हम क्या होते”, “मां का प्यार अमृत होता है”, “मां के चरणों में स्वर्ग”… और फिर जून आता है, और कोई धीमी आवाज़ में कह देता है — “ओ हां, Happy Father’s Day too!”
लेकिन सवाल ये है — क्या बाप कोई ‘एलियंस ऑफ इमोशंस’ हैं? क्या पापा सिर्फ लोन भरने और पंखा ठीक करने के लिए बने हैं?
बाप – वो इनवेस्टमेंट जो रिटर्न की उम्मीद नहीं करता
बाप वो प्राणी है जो EMI के जंगल में खुद को रोज़ कुर्बान करता है, ताकि बच्चे मॉल में इंस्टाग्राम स्टोरी डाल सकें।
बाप खुद 499 के ऑफर में जींस खरीदता है ताकि तुम्हारा iPhone 15 Pro Max अफोर्ड हो जाए।
मां आंखों से रोती है, बाप अंदर ही अंदर। फर्क बस इतना है कि मां का दर्द पोस्ट हो जाता है, बाप का लोन चुकता हो जाता है।
‘साइलेंट मोड’ में चलते सुपरहीरो
बाप कभी कहता नहीं कि “मैंने तेरे लिए क्या किया”, वो बस रोज़ सुबह 8:00 बजे फॉर्मल शर्ट पहनकर निकल जाता है और देर रात लौट आता है — बिना किसी ओवरड्रामा के।
“बेटा तुझे पढ़ाना है तो बाइक नहीं बदलूंगा”, यह डायलॉग रियल लाइफ का थानोस है — एक क्लिक में खुद को मिटा देता है।
फिक्स-इट-ऑल मशीन: पापा
फ्रिज खराब हो, गीजर बंद हो, इंटरनेट नहीं चल रहा हो — मम्मी कहेंगी, “पापा से पूछ लो।”
दुनिया के हर टेक्निकल संकट का हल एक ही लाइन में समेट दिया जाता है – “पापा संभाल लेंगे।”
EMI से Emotion तक – सबका बोझ उन्हीं के कंधों पर
बाप घर का ATM है, ड्राइवर है, बॉडीगार्ड है, चीयरलीडर है — बस उसे इंस्टा पर कोई फिल्टर नहीं मिलता। जब बच्चा फेल होता है तो बाप कहता है — “कोई बात नहीं, अगली बार मेहनत करना”। लेकिन खुद का प्रमोशन रुके, तो भी वो कहता है — “ठीक है, बच्चों को देख लूं।”
फादर्स डे पर पोस्ट नहीं, पहचान चाहिए
फादर्स डे पर सिर्फ “Throwback with Dad” नहीं, थोड़ी थैंकफुलनेस के टैग भी लगाइए। “Best Dad Ever” मग देने से पहले, एक बार जाकर गले लग जाइए — क्योंकि बाप भी कभी-कभी “Emotional Reboot” चाहता है।
निष्कर्ष: बाप है तो बहस भी है, भरोसा भी
पापा वो इंसान हैं जिनसे हम सबसे ज़्यादा लड़ते हैं, और फिर सबसे ज़्यादा उनपर ही निर्भर रहते हैं। इस फादर्स डे, ज़रा गौर कीजिए — शायद पापा अब भी उसी फटी बेल्ट से चल रहे हैं, जिससे उन्होंने बचपन में हमारी साइकिल ठीक की थी।
तो इस बार फादर्स डे पर गूगल करके “गिफ्ट फॉर डैड” न सर्च कीजिए, बल्कि डैड को गले लगाइए।
क्यूंकि पापा किसी से कम नहीं… पापा भी सुपरमैन हैं — बस उनका केप इनविजिबल होता है।