मसाले की फैक्ट्री पर छापा, हल्दी-धनिया नहीं… ये तो था Chemical Love

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

खाद्य सुरक्षा विभाग ने साहबगंज में उस फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है जहाँ मसाले कम और मिलावट ज़्यादा तैयार हो रही थी।
डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने छापा मारा और पाया कि एक्सपायर मसाले में खतरनाक कलर मिलाकर उन्हें दोबारा बाजार में बेचा जा रहा था।

“लोग हल्दी समझकर सेहत खरीद रहे थे, असल में मिल रहा था जहर!”

फैक्ट्री का हाल – मसालों की जगह गंदगी का मेला

टीम जब फैक्ट्री पहुंची, तो वहां की हालत देखकर भोजन से विश्वास हटने जैसा फील आया। मिट्टी, धूल और गंदगी के बीच मसाले पीसे जा रहे थे। हल्दी, मिर्च, धनिया और जीरा – सब कुछ एक्सपायर या घटिया क्वालिटी का था।

“Taste में कोई गड़बड़ लगे, तो समझिए Made in साहबगंज हो सकता है।”

नमूने हुए सील, जांच के लिए भेजे गए लैब

टीम ने 9 नमूने संग्रहित किए हैं जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है और कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

लालच के लिए सेहत का सौदा?

कुछ रुपये ज़्यादा कमाने के लिए यह फैक्ट्री आम लोगों की सेहत से खतरनाक खिलवाड़ कर रही थी। “किचन का राजा गरम मसाला अब डर का मसाला बन गया है।”

Food Department का अल्टीमेटम – अगली बार जेल पक्की!

सहायक आयुक्त डॉ. सिंह ने साफ चेतावनी दी है –

“अब अगर दोबारा ऐसा करते पाए गए, तो सिर्फ लाइसेंस नहीं, दुकान भी सील होगी।”

बाजार में चमकते मसालों की चमक के पीछे क्या है, ये जानना ज़रूरी है। जैसे दिखता है वैसा हो – यह उम्मीद आजकल ‘Expiring’ हो रही है। कृपया ब्रांड की जगह भरोसेमंद स्रोत से खरीदारी करें, और शक होने पर शिकायत ज़रूर करें।

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