
अगर आप भी उन लोगों में हैं जो PF खाते को emergency fund मानते हैं और हर महीने उसकी बैलेंस चेक करके संतोष की गहरी सांस लेते हैं — तो आपके लिए खुशखबरी है!
अब ₹1 लाख की लिमिट वाली लाइन क्रॉस हो गई है और सरकार ने इसे फुल स्पीड में ₹5 लाख तक धक्का दे दिया है।
और हां, पैसा भी 3 दिन में मिलेगा — बस शादी, बीमारी या मकान की छत न गिर जाए इस बीच!
बधाई हो! ईरान-इसराइल में शांति और पाकिस्तान को ट्वीट करने का मौका!
मांडविया बोले: “डिजिटल भारत सिर्फ़ UPI नहीं, EPFO भी है!”
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर खुशी-खुशी एलान किया:
“EPFO एडवांस क्लेम सेटलमेंट की सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। तीन कार्यदिवसों में पैसा मिलेगा।”
ट्वीट के साथ एक विज़ुअल भी था जिसमें भारत माता मुस्कुरा रही थीं — और कर्मचारी वर्ग का चेहरा पहली बार HR वाले मेल के बाद नहीं, सरकार की पोस्ट देखकर खिला।
EPFO ऑटो सेटलमेंट – अब आधे मटके के नहीं, पूरे मटके के पैसे
पहले जो सुविधा सिर्फ़ ₹1 लाख तक के एडवांस क्लेम के लिए थी, अब वह ₹5 लाख तक के लिए भी ऑटोमैटिक सेटल होगी — यानी “न को फ़ॉर्म का चक्कर, न अफसर की तकरार।”
सरकार कह रही है – पैसा मांगा? पैसा आया।
कर्मचारी सोच रहे हैं – “इतनी जल्दी? कहीं सपना तो नहीं?”
तीन दिन में सेटलमेंट – सरकारी सिस्टम या Amazon Prime?
इस घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल ये था कि सरकारी सिस्टम वाकई तीन दिन में PF सेटलमेंट कैसे करेगा?
लेकिन EPFO ने भरोसा दिलाया है –
“डिजिटल प्रोसेसिंग सिस्टम ने अपग्रेड मार ली है, अब कोई क्लर्क फाइल में चाय नहीं गिरा सकता।”
इस कदम से फायदा किसे होगा?
नौकरीपेशा लोग, जिन्हें ज़रूरत के वक्त बैंक का लोन नहीं, अपना पैसा चाहिए।
अचानक आई मेडिकल एमरजेंसी, शादी, मकान या वो महीना जब EMI और दवाई एक साथ टकरा जाएं।
और हां, वो कर्मचारी जो PF को सिर्फ़ सेविंग नहीं, संवेदना मानते हैं।
कलेक्टर नहीं बने, तो क्या ज़िंदा रहना भी ज़रूरी नहीं?” —नंबरों की राजनीति