
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई में उनके ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई लगभग ₹3000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है।
सूत्रों के अनुसार यह जांच नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी, बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई की दो एफआईआर के आधार पर शुरू की गई है।
कौन-कौन सी कंपनियां हैं निशाने पर?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच की रडार पर रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और रिलायंस होम फ़ाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफ़एल) जैसे नाम हैं।
हालांकि, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने बयान में कहा कि,
“इस जांच से उनके व्यवसाय, वित्तीय प्रदर्शन, या शेयरधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”
कितनी पुरानी है जांच?
रिलायंस समूह का कहना है कि जिन लेनदेन की बात हो रही है, वे दस साल से भी पुराने हैं। उन्होंने मीडिया को आश्वस्त किया है कि कोई नया अपराध नहीं हुआ है और यह सिर्फ पुराने मामलों की छानबीन है।
बाजार और शेयरधारकों पर क्या असर?
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके रोज़मर्रा के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस खबर के बावजूद शेयर मार्केट में अभी तक किसी भारी गिरावट की सूचना नहीं है।
ईडी की यह रेड भारत के कॉर्पोरेट इतिहास के एक पुराने अध्याय की दोबारा पड़ताल लगती है। पर क्या यह केवल जांच है या घोटाले की नई कहानी? यह आने वाला समय बताएगा।
“चुनाव न लड़ब, त सईंसे क्यों कराईब?” – तेजस्वी यादव के बिगड़े बोल