
जब देश “डिजिटल इंडिया” का सपना देख रहा था, कुछ ऐप्स चुपके से “डिजिटल सट्टा” का साम्राज्य खड़ा कर रहे थे। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस ऑनलाइन सट्टेबाजी सिंडिकेट पर बड़ा दांव चला है। और इस बार खेल में शामिल हैं – गूगल, मेटा और बॉलीवुड के चमकते सितारे।
गूगल और मेटा: डिजिटल मुनाफा या डिजिटल माफिया?
ED ने गूगल और मेटा को 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। आरोप ये है कि इन कंपनियों ने ऐसे ऐप्स को प्रीमियम ऐड स्लॉट्स दिए, जो ‘स्किल गेमिंग’ की आड़ में देश को सट्टे का मैदान बना रहे थे। जब देशभर में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए लड़ रहे हैं, ये ऐप्स मैक्सिमम स्पॉन्सर मनी कमा रहे थे!
हवाला एक्सप्रेस: सट्टेबाज़ी का पैसा सीधा विदेश
ED की जांच में सामने आया है कि करोड़ों का ये खेल हवाला के जरिए इंटरनेशनल टूर पर था — हवाई टिकट नहीं, ब्लॉकचेन टिकट से! विदेशी खातों में मनी लॉन्ड्रिंग हुई और भारतीय जनता को दिखा “गेमिंग विद प्राइजेस”, लेकिन बैकग्राउंड में चल रहा था “गेमिंग फॉर प्रोफिट”।
बॉलीवुड और इन्फ्लुएंसर्स: “अरे बस प्रमोशन था!”
ED ने 29 फिल्मी सितारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर भी शिकंजा कसा है। आरोप है कि उन्होंने मोटी रकम लेकर इन ऐप्स का प्रचार किया। प्रकाश राज से लेकर राणा दग्गुबाती और विजय देवरकोंडा तक कई नाम ED की लिस्ट में हैं।
महादेव ऐप घोटाला: सिर्फ नाम नहीं, काम भी ‘महादेव’ स्तर का
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े 6,000 करोड़ के घोटाले का भांडा फूटा है। ED का दावा है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री को इस ऐप से 500 करोड़ रुपये की लव-लेटर जैसी ट्रांसफर मिली थी। सवाल ये नहीं कि किसने पैसा लिया, सवाल ये है कि अब तक किसे नहीं मिला?
अगला एपिसोड जल्द: पूछताछ, गिरफ्तारी, और OTT सीरीज?
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, और नाम सामने आ रहे हैं। अगला बड़ा नाम कौन होगा? कोई नहीं जानता। लेकिन बॉलीवुड में स्क्रिप्ट तैयार है — “सट्टा: द रियल गेम” जल्द आएगा किसी OTT पर, शायद असली आरोपियों के अभिनय में।
जब स्क्रिप्ट रियल हो जाए!
इस सट्टेबाजी घोटाले ने यह साफ कर दिया है कि डिजिटल इंडिया के नाम पर सिर्फ UPI नहीं चल रहा, बल्कि UPI = Underworld Payment Interface भी बन चुका है। ED की जांच से कई चेहरों का नकाब उतरना बाकी है।
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