
डेंगू के बुखार के साथ-साथ एक चीज़ और बहुत तेजी से बढ़ती है — लोगों की डाइट को लेकर टेंशन। क्या खाना है? क्या नहीं खाना है? और सबसे बड़ा सवाल — “चावल खाएं या चावल देख के भी मुंह फेर लें?”
चावल खाओ, लेकिन लिमिट में
डेंगू में डाइट जितनी लाइट होगी, उतनी फाइट तेज़ होगी। दोपहर में थोड़ी मात्रा में चावल खा सकते हैं — वो भी ऐसे जैसे कोई पुराना प्यार हो जिससे बात करनी है लेकिन दिल टूटने का डर भी है। लेकिन रात को चावल खाने से परहेज़ करें — नींद आए ना आए, चावल पेट में जाम लगवा सकता है।
डेंगू में खाना है तो ये खाओ
क्या खाएं?
- पपीते की पत्तियों का रस – प्लेटलेट्स बोले, “थैंक यू!”
- पपीता (लेकिन शाम से पहले!) – वरना रात को पेट बोलेगा, “डर लग रहा है भैया”
- दही (दिन में, लिमिट में) – ताकत आएगी, पेट भी खुश रहेगा
- एग वाइट (येलो पार्ट से ब्रेकअप कर लो) – बॉडी बोलेगी, “प्रोटीन मिल गया बॉस”
- खिचड़ी – लाइट, ईजी और कमाल का कॉम्बो
- बकरी का दूध – एक्स्ट्रा हेल्थ बोनस
क्या न खाएं?
- ऑयली खाना, तला-भुना, स्ट्रीट फूड, और ओवरएक्टिंग करने वाला कोई भी फूड
- चावल रात को — वरना रिकवरी बोलेगी, “अब मुझसे ना हो पाएगा!”
हेल्दी माइंड + हेल्दी डाइट = फास्ट रिकवरी
डेंगू से लड़ने के लिए सिर्फ दवाइयां नहीं, बल्कि सही खान-पान, नींद और थोड़ा धैर्य भी ज़रूरी है। याद रखिए, चावल दुश्मन नहीं है, लेकिन जरूरत से ज्यादा प्यार दिखाया तो दोस्त भी तंग कर सकता है।
