
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को लेकर बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार ने इस प्रतिष्ठित स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह “स्पोर्ट्स सिटी” बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
यह वही स्टेडियम है जहां 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए करीब 961 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। हाल ही में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 से पहले इसमें 50 करोड़ रुपये का रेनोवेशन कराया गया था।
लेकिन अब खेल मंत्रालय ने फैसला किया है — “रीपेयर नहीं, रीबिल्ड करेंगे।”
स्पोर्ट्स सिटी का ब्लूप्रिंट तैयार
सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय चाहता है कि दिल्ली में एक इंटरनेशनल लेवल की Sports City बनाई जाए —
जहां ओलंपिक-ग्रेड सुविधाएं, मॉडर्न स्टेडियम, स्पोर्ट्स हॉस्टल और ट्रेनिंग हब एक ही परिसर में हों।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —“अभी प्रोजेक्ट विचाराधीन है। दोहा जैसे शहरों के मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद डिजाइन और योजना तय होगी।”
इतिहास से भविष्य की ओर
यह स्टेडियम 1982 एशियन गेम्स के लिए बनाया गया था। तब से लेकर अब तक इसने कई यादगार खेल आयोजन देखे — कॉमनवेल्थ ओपनिंग से लेकर बॉलीवुड अवार्ड नाइट तक।

लेकिन अब वक्त आ गया है कि यह “पुराना चैप्टर” बंद हो और “Sports City – New Delhi Edition” का पन्ना खुले। सरकार चाहती है कि ये नया स्पोर्ट्स हब न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरे एशिया में उदाहरण बने।
दिल्लीवालों ने कहा — “अरे भाई! स्टेडियम तोड़ने से पहले हमारी पार्किंग भी अपग्रेड कर देना, वहीं सबसे ज़्यादा रेस होती है!”
दिल्ली के लिए “Game Changer” प्रोजेक्ट
शहरी प्लानर्स का कहना है कि यह कदम राजधानी को स्पोर्ट्स और इवेंट्स का नया ग्लोबल सेंटर बना सकता है। इसके साथ ही आसपास की जमीन का भी विकास होगा और युवाओं के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
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