
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयानक धमाके की गुत्थी अब धीरे-धीरे सुलझती नज़र आ रही है। जांच में जो नया खुलासा हुआ है, उसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी डॉ. मुजम्मिल की डायरी से पता चला है कि वो और उसके साथी विस्फोटक के लिए ‘शिपमेंट’ और ‘पैकेज’ जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे।
यानि – “बम को कहते थे पार्सल, और तबाही को डिलीवरी!”
एन्क्रिप्टेड चैट, विदेशी हैंडलर और डायरी में ऑपरेशन!
सुरक्षा एजेंसियों को पता चला कि आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड चैनल्स पर बात करते थे।
वहीं, डायरी में लिखा है — “शिपमेंट रेडी, पैकेज अराइविंग!”
अब यह “सामान” असल में अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड और फ्यूल ऑयल का विस्फोटक मिश्रण था। डायरी में 8 से 12 नवंबर की तारीखों के बीच “ऑपरेशन” शब्द का बार-बार जिक्र मिला है, जो इस पूरी साजिश की टाइमलाइन को जोड़ता है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली डायरी और लैपटॉप
सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार और बुधवार को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के रूम नंबर 4 (डॉ. उमर) और रूम नंबर 13 (डॉ. मुजम्मिल) से डायरी, नोटबुक और डिजिटल डिवाइस बरामद किए हैं। यहां से बरामद दस्तावेज़ों में ‘ऑपरेशन शिपमेंट’ नाम की फाइल भी मिली है। इसके अलावा, धौज में जहां से 360 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था, वह जगह यूनिवर्सिटी से सिर्फ 300 मीटर दूर है — मतलब “क्लासरूम से सीधे ब्लास्ट लैब तक!”

दिल्ली में सुरक्षा सख्त — लाल किला मेट्रो स्टेशन बंद
इस खुलासे के बाद दिल्ली में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है। लाल किला मेट्रो स्टेशन और परिसर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। बाकी मेट्रो स्टेशन फिलहाल सामान्य रूप से चल रहे हैं, लेकिन सुरक्षा जांच अब पहले से दोगुनी कड़ी कर दी गई है।
क्यों ये केस है खास?
दिल्ली ब्लास्ट केस अब सिर्फ एक विस्फोट नहीं, बल्कि एक ऑपरेटेड नेटवर्क का हिस्सा लग रहा है। डॉ. उमर और मुजम्मिल दोनों का संबंध पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन से बताया जा रहा है। डायरी के हर पन्ने में “ऑपरेशन”, “शिपमेंट”, “पैकेज” जैसे शब्दों ने
तबाही के पीछे की सोच को उजागर कर दिया है।
“जहां दिल्ली का लाल किला खामोश है, वहीं एक डायरी बोल रही है — ऑपरेशन शिपमेंट पूरा हुआ!”
अब देखना होगा कि ये जांच कितनी गहराई तक जाती है — और कौन है इस ‘ब्लास्ट ब्लूप्रिंट’ का असली मास्टरमाइंड।
