PM की जान पर खतरा? भागलपुर के बेरोजगार ने भेजी धमकी, फिर जो हुआ…

आलोक सिंह
आलोक सिंह

29 मई की रात, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक वरिष्ठ अधिकारी को व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी मिली। धमकी में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी। इस मैसेज ने सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत अलर्ट कर दिया।

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NIA, IB और गृह मंत्रालय तुरंत हरकत में आए

इस गंभीर धमकी के बाद NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी), IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए भागलपुर पुलिस से संपर्क किया। सुरक्षा एजेंसियों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनशील मामला माना।

4 घंटे में आरोपी समीर रंजन गिरफ्तार

भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत ने इस मामले में तेज़ कार्रवाई करते हुए डीएसपी, साइबर सेल और सुल्तानगंज थाना पुलिस की टीम तैनात की। सिर्फ 4 घंटे के भीतर 35 वर्षीय समीर रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया।

बुजुर्ग के नाम पर सिम कार्ड, बड़ा फर्जीवाड़ा

जांच में सामने आया कि धमकी देने वाला नंबर 71 वर्षीय मंटू चौधरी के नाम पर जारी किया गया था। आरोपी समीर ने फर्जी तरीके से यह सिम कार्ड प्राप्त किया था, जिससे यह साफ होता है कि वह पहचान छुपाकर गंभीर अपराध को अंजाम देना चाहता था।

समीर रंजन कौन है?

उम्र: 35 साल। पिता: कुमार शरद रंजन। गांव: महेशी, थाना सुल्तानगंज, भागलपुर। शिक्षा: BCA (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन)। पृष्ठभूमि- कोविड-19 से पहले एक निजी नौकरी करता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी और मानसिक तनाव से जूझ रहा है। फिलहाल पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है।

क्या है आगे की कार्रवाई?

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि समीर ने यह धमकी किसी साजिश के तहत दी या मानसिक असंतुलन में? उसके पीछे कोई गिरोह या संगठित अपराध का लिंक है या नहीं? सुरक्षा एजेंसियां हर एंगल से पड़ताल में जुटी हैं।

हाई-लेवल अलर्ट, त्वरित कार्रवाई से बड़ा खतरा टला

प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला दिखाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लेतीं। मात्र 4 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी भारत की साइबर और ग्राउंड इंटेलिजेंस की दक्षता का प्रमाण है।

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