तिलक लगाने पर दलित युवक को पीटा, पुलिस ने उल्टा केस दर्ज किया

Ajay Gupta
Ajay Gupta

खैर, अलीगढ़ जिले में एक दलित युवक को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि उसने मंदिर के पास बारिश से बचने के लिए रुकते हुए अपने माथे पर तिलक लगा लिया। दबंग युवकों ने पहले उसकी जाति पूछी और जब उसने खुद को जाटव बताया, तो मंदिर के सामने ही लात-घूंसे और थप्पड़ों से मारपीट की गई।

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वीडियो हुआ वायरल, लेकिन पुलिस ने उल्टा पीड़ित पर ही दर्ज किया केस

यह पूरी घटना किसी स्थानीय व्यक्ति ने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। मगर जब पीड़ित राजू अपनी पत्नी के साथ थाने पहुंचा, तो पुलिस ने उसकी नहीं सुनी, उल्टा उस पर ही शांति भंग का केस दर्ज कर दिया और उसे जेल भेज दिया गया।

मंदिर में तिलक लगाने पर “मुस्लिम” समझा गया, फिर हुआ हमला

राजू ने दबंगों को बताया कि वह मुस्लिम नहीं बल्कि दलित हिंदू है। लेकिन इतना कहने की देर थी, दबंगों ने उसे गालियां दीं और उसकी पिटाई शुरू कर दी। ये घटना 23 जून 2025 की दोपहर की है, जब राजू मजदूरी से लौटते वक्त मंदिर के पास रुका था।

SSP दरबार पहुंचा दलित परिवार, तब जाकर हुई सुनवाई

राजू और उसकी पत्नी जब पुलिस से निराश होकर अपने मासूम बच्चों के साथ SSP अलीगढ़ संजीव सुमन के पास पहुंचे, तब वायरल वीडियो को आधार बनाकर SSP ने जांच के आदेश दिए। अब जाकर दबंगों पर केस दर्ज किया गया और उनकी पहचान कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हुई।

पुलिस का पलटवार: मंदिर में शराब पीने का आरोप

इलाके के CO ने बयान जारी कर कहा कि एक मुकदमा मंदिर के पुजारी की ओर से भी दर्ज हुआ है, जिसमें आरोप है कि मंदिर में शराब पीकर मूर्ति के साथ अभद्रता की गई। लेकिन साथ ही मारपीट के वीडियो के आधार पर अलग से केस दर्ज किया गया है।

क्या जाति आज भी इंसान की पहचान से ऊपर है?
मंदिर, तिलक, पूजा—क्या ये सब सिर्फ एक वर्ग विशेष के लिए हैं? क्या एक गरीब दलित को बारिश से बचने के लिए मंदिर के पास खड़ा होना भी अपराध है? यह घटना समाज के उस कड़वे सच को उजागर करती है जिसे हम नजरअंदाज करते आ रहे हैं। अगर अब भी नहीं बोले, तो कब?

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