कांग्रेस के ‘जमींदार’? जीतू पटवारी के भाई पर कब्जा, फर्जीवाड़ा और धमकी का केस

सत्येन्द्र सिंह ठाकुर
सत्येन्द्र सिंह ठाकुर

मध्यप्रदेश की राजनीति एक बार फिर ज़मीन विवाद के घेरे में आ गई है। इस बार विवाद की लपटें सीधे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के परिवार तक पहुँच गई हैं। उनके भाई भरत पटवारी, रिश्तेदार नाना पटवारी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के खिलाफ 6.33 एकड़ ज़मीन पर कब्जे, फर्जीवाड़े और धमकी देने के आरोप में नामजद FIR दर्ज की गई है।

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फर्जी ट्रस्ट बनाकर कब्जा, निर्माण और बिक्री के विज्ञापन

शिकायतकर्ता नरेंद्र मेहता की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने ग्राम उमरीखेड़ा स्थित बेशकीमती जमीन पर एक फर्जी ट्रस्ट के नाम से कब्जा कर लिया। 29 मार्च को सदाशिव यादव लगभग 15-20 लोगों के साथ पहुंचे और निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।

इसके बाद, आरोप है कि जमीन को बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन तक जारी किए गए।

जान से मारने की धमकी का भी आरोप

74 वर्षीय नरेंद्र मेहता का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। उन्होंने बताया कि यह ज़मीन 1939 में होलकर रियासत द्वारा उन्हें इनाम के तौर पर दी गई थी। बाद में यह उनके पिता नवतरमल जैन के नाम पर ट्रांसफर हुई और अब तक वे इसका वैध स्वामित्व रखते हैं।

एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने FIR दर्ज होने की पुष्टि की है और कहा कि दस्तावेज़ों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

राजनीति में घमासान, जीतू पटवारी ने दी प्रतिक्रिया

मामला सामने आने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। भाजपा ने इसे “कांग्रेस का ज़मीन घोटाला” बताते हुए कड़ी आलोचना की है।

वहीं जीतू पटवारी ने प्रतिक्रिया में कहा,”यह लड़ाई विचारों की है, संविधान बचाने की है। परिवारों को डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम डरेंगे नहीं।”

हालांकि, उन्होंने FIR के आरोपों का सीधा खंडन नहीं किया, बल्कि इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।

नाना पटवारी पहले से विवादों में

मामले को गंभीर बनाता है कि नाना पटवारी पर पहले से ही सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं — जिनमें मारपीट, धमकी और ड्रग्स से जुड़े केस शामिल हैं। हाल ही में वे एक भाजपा पार्षद के साथ मारपीट मामले में चर्चा में थे।

“दस्तावेज़ों की जांच जारी है”

पुलिस का कहना है कि ज़मीन के स्वामित्व को लेकर दस्तावेजों की वैधता की जांच की जा रही है। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है।

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