
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवत जिले में पाकिस्तान सेना और पुलिस के बीच एक अभूतपूर्व टकराव हुआ है। पुलिसकर्मियों ने क्षेत्र में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं और सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने सेना के अधिकारियों से तीखे शब्दों में बात की और उन्हें क्षेत्र से हटने की मांग की।
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प्रदर्शन के मुख्य बिंदु:
सेना से हटने की मांग:
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सेना से लक्की मरवत के शहरी इलाकों से छह दिनों के भीतर हटने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सेना और आईएसआई के हस्तक्षेप के कारण क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति बिगड़ गई है।
सुरक्षा बलों के खिलाफ आरोप:
पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया कि सेना और आईएसआई के लोग उनकी ड्यूटी में दखल देते हैं और उन्हें काम करने नहीं देते हैं, जिससे क्षेत्र में शांति भंग हो रही है।
समझौते के बाद प्रदर्शन समाप्त:
चार दिनों तक चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद, स्थानीय प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच समझौता हुआ। इसके तहत, पुलिसकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें आधुनिक संसाधन प्रदान करने और सेना के हस्तक्षेप को समाप्त करने की बात की गई।
यह घटना पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और सैन्य-नागरिक संबंधों पर गंभीर प्रश्न उठाती है। पुलिस और सेना के बीच इस तरह के टकराव से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान में सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। इसके अलावा, यह घटना पाकिस्तान के नागरिक समाज की सक्रियता और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता को भी दर्शाती है।
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