
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन में लगभग 200 लोगों से सीधी मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। खास बात यह रही कि कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे थे, जिन पर मुख्यमंत्री ने फौरन भरोसा जताते हुए कहा:
बेझिझक इलाज कराइए, सरकार खर्च उठाएगी। विवेकाधीन कोष से पूरी मदद मिलेगी।”
बीमार न हों परेशान, इलाज में सरकार बनेगी सहारा
योगी आदित्यनाथ ने जनता को यह स्पष्ट किया कि गंभीर रोगों का इलाज अब आर्थिक बोझ नहीं बनेगा। चाहे दिल्ली हो या लखनऊ का बड़ा अस्पताल, इलाज कहीं भी हो, सरकार उसका पूरा खर्च उठाने को तैयार है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी मरीज इलाज के लिए आर्थिक सहायता चाहता है, उसका प्रॉपर एस्टीमेट जल्द तैयार कर शासन को भेजें, ताकि मदद में देरी न हो।
समस्याएं सुनने का सधा अंदाज़, समाधान का पक्का वादा
गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में मुख्यमंत्री ने एक-एक व्यक्ति को कुर्सियों पर बैठाकर उनकी समस्या सुनी। कई लोगों को जमीन कब्जे, पारिवारिक विवाद और सरकारी योजनाओं से जुड़ी शिकायतें थीं।
CM ने साफ कहा:
“हर अधिकारी संवेदनशीलता के साथ समस्या सुने और तुरंत समाधान करे। किसी को भी निराश न लौटना पड़े।”
दबंगई या जमीन पर कब्जा? तुरंत FIR और कार्रवाई करें!
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खास निर्देश दिए कि यदि कोई दबंगई या ज़मीन पर अवैध कब्जा कर रहा है, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने पारिवारिक विवादों में दोनों पक्षों को बैठाकर सुलह कराने की सलाह दी।
एक महिला की जमीन से जुड़ी शिकायत पर उन्होंने तत्काल पट्टा देने के निर्देश भी दिए।
हर पीड़ित के लिए खुला है ‘मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष’
रक्षात्मक नहीं, बल्कि सहायक सरकार का चेहरा लेकर CM योगी ने भरोसा दिलाया कि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में परेशान न हो। विवेकाधीन कोष से हर जरूरतमंद की मदद की जाएगी, बस एक प्रार्थना पत्र की दूरी है।
“जनता दर्शन” बना लोगों की उम्मीदों का पुल
सीएम योगी का गोरखपुर में जनता से यूँ रूबरू होना दिखाता है कि सरकार अब सिर्फ कागजों पर नहीं, ज़मीनी हकीकत में उतर रही है। इलाज, न्याय और योजनाओं से जुड़े मामलों में त्वरित और भरोसेमंद फैसले इस प्रशासन को जनजन से जोड़ते हैं।