
जयपुर के रामगढ़ में इतिहास रचने की तैयारी थी। विज्ञान और आध्यात्म का गठबंधन था। ड्रोन उड़ेगा, केमिकल छोड़ेगा, और फिर पानी बरसेगा! लेकिन हुआ क्या?
ड्रोन ने उड़ने से मना कर दिया, बादलों ने रिस्पॉन्ड नहीं किया और जनता… बारिश की जगह तमाशा देखती रह गई।
टेक्नोलॉजी + टनाटन पूजा = रिजल्ट जीरो?
पूरे इवेंट में तकनीकी तैयारी के साथ-साथ आध्यात्मिक अरेंजमेंट भी था। हैदराबाद से विशेष दो पंडित जी बुलाए गए, जिन्होंने रामगढ़ बांध किनारे विधिपूर्वक पूजा, हवन और आहुतियाँ दीं – मानो इंद्र देवता को 5G कनेक्शन से जोड़ने की कोशिश हो रही हो।
लेकिन जैसे ही ड्रोन स्टार्ट किया गया –पहली बार में ही “Grounded for Life” मोड में चला गया।
ड्रामा देखने हजारों की भीड़ – पुलिस भी पसीने में भीगी!
जैसे ही ड्रोन लॉन्चिंग का ऐलान हुआ, हज़ारों लोग मौके पर टूट पड़े। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे थे – लेकिन उन्हें भी एक सूखा अनुभव मिला।
पहला ड्रोन उड़ा नहीं, दूसरे को उड़ाया गया, तो 100 मीटर बाद ही crash landing कर दी।

कंपनी का क्लासिक बहाना: “टेक्नोलॉजी ठीक थी, भीड़ ने बिगाड़ा!”
अमेरिकी-बेंगलुरु जॉइंट वेंचर वाली इस कंपनी का दावा है कि तकनीक पूरी तरह फिट थी। बस भीड़ ने इतना “positive energy” फैला दी कि ड्रोन को system overload हो गया।
कर्मचारियों ने डिवाइस पैक किया और “जल्दी मिलेंगे” कहते हुए निकल लिए।
60 और टेस्ट होंगे! पर लोग बोले – “पहले ड्रोन उड़ाना तो सीख लो”
कंपनी के अनुसार रामगढ़ में 60 ड्रोन-बेस्ड क्लाउड सीडिंग टेस्ट्स और किए जाएंगे। लेकिन अब पब्लिक कह रही है – “जब पहली उड़ान ही टॉर्चर थी, बाकी 59 देखने का हौसला कौन करेगा?”
आसमान साफ, जनता मायूस और सरकार सोच में!
जहाँ जनता बारिश की एक बूँद के लिए तरसी, वहीं सरकार के हाथ लगे कुछ टूटे हुए ड्रोन पार्ट्स, सोशल मीडिया पर मीम्स, और पंडित जी बोले – “इंद्र देव को शायद network busy था!”
भारत ने बांग्लादेशी जूट प्रोडक्ट्स पर कसी लगाम – अब सिर्फ़ न्हावा शेवा से एंट्री