तेहरान में उतरा चीनी जादुई जहाज़! अब तो युद्ध भी “मेड इन चाइना”?

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

जब दुनिया को लगा कि ईरान और इजरायल का ड्रामा ही काफी है, तभी बीजिंग ने एक नया ट्विस्ट डाल दिया। तेहरान एयरपोर्ट पर एक चीनी कार्गो विमान चुपचाप लैंड करता है, ट्रांसपॉन्डर बंद, मीडिया अंधेरे में, और दुनिया हक्का-बक्का!

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ट्रांसपॉन्डर बंद, विमान लैंड: ये “मिशन इंपॉसिबल” का पार्ट 9 है क्या?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विमान “ट्रांसपॉन्डर ऑफ” करके सीधे तेहरान में लैंड हुआ — मतलब यह तो नासा के सैटेलाइट से भी बच निकला!
अब सवाल उठ रहे हैं — क्या यह गुप्त सैन्य मिशन था? क्या चीन ने भेजा “प्यारा पैकेज” जिसमें “तोहफे” थे — हथियार, रडार या फिर ड्रैगन की आंखें?

 क्या चीन ने भेजे हथियार? या डिप्लोमैटिक ‘स्नैक्स’?

रक्षा विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह कोई आम DHL पैकेट नहीं था, बल्कि संभवतः हथियारों की खेप थी। ईरान के साथ चीन के रक्षा रोमांस को देखते हुए, ये कोई आश्चर्य की बात नहीं। अब अमेरिका और इजरायल – दोनों पूछ रहे हैं, “भाई, तुम किसके साथ हो?”

बीजिंग बोला – “हमें चिंता है” (पर विमान भेज दिया!)

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें ईरान की संप्रभुता की चिंता है। हां, इतनी चिंता है कि उन्होंने गुपचुप विमान भेजकर कहा – “ले भाई, थोड़ा हथियार रख ले, चिंता कम होगी!”

ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ पर चीन की भौंहे तनी

जब इजरायल ने ‘राइजिंग लॉयन’ चलाया, चीन ने कहा – “हम घी में आग नहीं डालते।” लेकिन सच्चाई यह है कि चीन खुद ही तेल के टैंकर में माचिस लिए घूम रहा है।

क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की ओर छोटा सा टिकट है?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर चीन की भागीदारी पक्की हो गई, तो ईरान-इजरायल लड़ाई में पावर प्ले शुरू हो जाएगा। अमेरिका उधर इजरायल के पीछे खड़ा है, और अब चीन इधर ईरान की पीठ पर हाथ फेर रहा है। Global Tinderbox जलने के लिए तैयार है – बस एक और गुप्त फ्लाइट चाहिए!

बीजिंग चुप, वाशिंगटन गुस्से में, तेहरान ‘चौकन्ना’

अभी तक चीन ने इस गुप्त लैंडिंग पर कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया है। पर खुफिया एजेंसियां अब Google Maps और TikTok दोनों पर खोज कर रही हैं कि वो विमान गया कहाँ?

चीन ने पत्ता फेंका है या बम?

इस रहस्यमयी लैंडिंग के बाद दुनिया के कूटनीतिक गलियारों में कुर्सियाँ खिसकनी शुरू हो गई हैं। अगर यह साबित हो गया कि चीन ने हथियार भेजे हैं, तो यह वैश्विक शक्ति संतुलन में सीधा हस्तक्षेप होगा। और फिर “मेड इन चाइना” का मतलब सिर्फ मोबाइल नहीं, मिसाइल भी होगा!

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