महाकुंभ नगर । विश्व के सवसे वड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुम्भ ने व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नया कीर्तिमान हासिल किया है। यह देश का सबसे बड़ा आर्थिक आयोजन वन गया है। महाकुंभ से तीन लाख करोड़ से कारोबार होनेki सम्भावना जताई गयी है। महाकुम्भ के दौरान कई व्यापारिक क्षेत्रों में वड़ा आर्थिक उछाल देखने को मिला। प्रमुख रूप से पर्यटन, होटल और आवास सेवाएं, खाद्य और पेय पदार्थ उद्योग, परिवहन और लाजिस्टिक्स, पूजा सामग्री, धार्मिक वस्त्र और हस्तशिल्प, हेल्थकेयर और अधिक का व्यापार हुआ है।
महाकुम्भ – 2005 बना देश का सबसे बड़ा आर्थिक आयोजन, मुकामी कारोबार को भारी बढ़ावा
ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुसार इस वार के महाकुंभ ने तीन लाख करोड़ रुपये (360 विलियन अमेरिकी डालर) से अधिक का व्यापार उत्पन्न किया है। इससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक वन गया है। सीएआईटी के महासचिव और सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन आस्था और अर्थव्यवस्था के गहरे संबंध को दर्शाता है।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। शुरुआती अनुमान के अनुसार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और दो लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना थी लेकिन देशभर में इस आयोजन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह के कारण अव 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे कुल व्यापार सीसीटीवी, टेलीकाम और एआई आधारित सेवाएं हैं।
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महाकुंभ के कारण केवल प्रयागराज ही नहीं, वल्कि 150 किमी के दायरे में स्थित शहरों और कस्बों में भी व्यापार में जवरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। अयोध्या, वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे वहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है । महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के सड़क, फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण एवं सुधार पर 7500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस राशि में से 1500 करोड़ रुपये विशेष रूप से महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के लिए आवंटित किए गए थे। इससे प्रयागराज के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी यातायात और नागरिक सुविधाओं में सुधार हुआ है।