
बिहार चुनाव के बीच राहुल गांधी के ‘छठ मैया’ पर दिए गए बयान ने राजनीतिक पारा आसमान छू लिया है। हर बार की तरह इस बार भी राहुल गांधी का बयान विपक्ष के लिए “वोट बूस्टर” और बीजेपी के लिए “गोल्डन माइक्रोफोन” बन गया है।
बृजेश पाठक का पलटवार — “राहुल को सनातन की ABCD भी नहीं पता”
गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया, तो उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बिना घुमाए सीधा वार किया — “राहुल गांधी को सनातन की जानकारी ही नहीं है। वे जब भी बोलते हैं, सनातन और आस्था का अपमान करते हैं। छठ मैया करोड़ों लोगों की श्रद्धा का प्रतीक हैं, और उस पर टिप्पणी करना किसी भी तरह उचित नहीं है। बिहार के लोग राहुल गांधी को कभी माफ नहीं करेंगे।”
उनके लहजे में राजनीति कम और आस्था ज़्यादा झलक रही थी।
“इंडिया गठबंधन हुआ इंडिगेशन में” — बृजेश पाठक का तंज
बृजेश पाठक ने कहा कि बिहार में INDIA गठबंधन का हाल ऐसा है जैसे “बिना रिमोट का टीवी” — आवाज़ ज़्यादा, नियंत्रण नहीं। उन्होंने दावा किया कि बिहार चुनाव में एनडीए की लहर तेज़ है और जनता एक बार फिर मोदी और नीतीश के नेतृत्व पर भरोसा जताएगी।
वोटर लिस्ट पर भी दिया बयान — “जो वैध हैं, वही रहेंगे”
जब उनसे निर्वाचन आयोग की नई वोटर-वेरिफिकेशन प्रक्रिया (SIR) पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा — “आयोग का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है। जो वैध मतदाता हैं, सिर्फ उन्हीं का नाम मतदाता सूची में रहना चाहिए। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”

यानी वोट बैंक पर भी “क्लीनअप ड्राइव” जारी है।
राहुल के बयान और बीजेपी की मुस्कान
राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है — “राहुल गांधी का हर बयान बीजेपी की सोशल मीडिया टीम के लिए दिवाली बोनस जैसा होता है।”
इस बार भी छठ मैया पर उनकी टिप्पणी ने बीजेपी को ready-made content दे दिया। राहुल बोले, तो बृजेश पाठक बोले — और देशभर में फिर शुरू हुआ “Who hurt Sanatan this week?” डिबेट शो!
छठ मैया की पूजा आस्था का पर्व है — राजनीति की TRP बुकिंग डेस्क नहीं। पर नेताओं के लिए हर भावना अब “ईवेंट मैनेजमेंट” बन चुकी है। और जब तक राहुल गांधी बोलते रहेंगे… बीजेपी को “कंटेंट” की कमी नहीं होगी।
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