BRICS 2025 में बड़ा भूचाल: मोदी के सम्मान से चिढ़े जिनपिंग समिट से हटे

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

जब मोदी को मिला स्टेट डिनर, जिनपिंग बोले: “भूख नहीं है!” ब्रिक्स समिट 2025 रियो डी जेनेरियो में होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही कूटनीति की थाली से एक बड़ा राजनीतिक विस्फोट परोसा गया।
प्रधानमंत्री मोदी को मिलने वाला ब्राजील का स्टेट डिनर किसी को कुछ ज़्यादा ही नमकीन लग गया—जी हाँ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को!

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सूत्रों के अनुसार, जिनपिंग इस “ओवरकुक्ड सम्मान” से इतने आहत हुए कि उन्होंने पूरा BRICS समिट ही छोड़ने का मन बना लिया।
कहने को कारण बताया गया—”शेड्यूल क्लैश”, मगर असली कारण?
“इगो बर्न्ट बटर चिकन!”

जिनपिंग के बिना BRICS, जैसे बिरयानी बिना मसाले

12 सालों तक BRICS के ‘कुर्सीनसीन’ रहे जिनपिंग का हटना, मंच की राजनीति में एक बड़ी दरार है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की मानें, तो अब उनकी जगह लेंगे चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग। ब्राजील के अधिकारियों ने चुपचाप सिर हिलाया—”हाँ, वो नहीं आ रहे!”

सोचिए, जिस मंच पर जिनपिंग खुद को मास्टरशेफ समझते थे, वहाँ अब मोदी को स्टार शेफ बना दिया गया है।

ड्रैगन बनाम सिंह: कौन बनेगा ब्रिक्स बॉस?

भारत की BRI से दूरी, ब्राजील का भी हाथ मिलाना, और फिर मोदी के लिए स्टेट डिनर—तीनों घटनाओं ने चीन के आत्मसम्मान की नूडल्स उलझा दी है।

BRICS में अब चीन की पकड़ वैसी नहीं रही जैसी कभी थी। मोदी की लोकप्रियता, वैश्विक विश्वास, और अब खुला सम्मान देखकर ड्रैगन अब सिंह के सामने फुफकार नहीं पा रहा

SCO में होगा अगला मुकाबला, या फिर टाइमपास?

अब दोनों नेताओं की अगली भेंट शायद SCO समिट में हो, लेकिन मोदी वहाँ जाएंगे या नहीं—ये अभी तय नहीं। अगर भारत फिर ‘Selective Participation’ की चाल खेले, तो चीन के गले में दूसरा चना फंस जाएगा।

सवाल ये है—क्या अगली बार भी जिनपिंग स्टेट डिनर की RSVP अनरीड छोड़ देंगे?

चीन की चुप्पी, जैसे एग रोल में स्टफिंग ना हो

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “अभी कुछ नहीं कह सकते, वक्त आने पर बताएंगे।” लेकिन सच ये है कि चीन का ड्रैगन अब BRICS की आग में खुद सुलग रहा है। दुनिया जान रही है कि जहाँ मोदी को सम्मान मिलेगा, वहाँ जिनपिंग की उपस्थिति फीकी पड़ जाएगी।

21वीं सदी एशिया की है… पर अब सिर्फ चीन की नहीं!

BRICS अब वह मंच बन चुका है, जहाँ भारत अपनी विश्वनेता की भूमिका निभा रहा है। जिनपिंग की अनुपस्थिति बताती है कि भारत अब सिर्फ शामिल नहीं होता, नेतृत्व करता है। और यही वजह है कि आज ब्रिक्स में सिंह दहाड़ रहा है… और ड्रैगन सिर झुकाए खड़ा है।

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