
गोंडा की सियासत में गर्मी का पारा अचानक चढ़ गया है — वजह कोई धरना-प्रदर्शन नहीं, बल्कि भाजपा जिलाध्यक्ष अमरकिशोर बम बम का वायरल वीडियो।
वीडियो में बम बम जी एक महिला कार्यकर्ता संग पार्टी कार्यालय में रात 9:30 बजे प्रवेश करते दिख रहे हैं। सीढ़ियों से चढ़ते वक्त भले ही कैमरा झुका रहा, लेकिन जनता की नजरें अब बेहद टेढ़ी हो गई हैं।
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मैं तो सिर्फ चक्कर का इलाज कर रहा था
अमरकिशोर बम बम ने जो सफाई दी, वो सुनकर हर डॉक्टर शर्मिंदा हो गया।
“महिला कार्यकर्ता को चक्कर आ रहा था, तो मैंने मानवीय आधार पर मदद की,” उन्होंने बड़ी गंभीरता से कहा।
अब गोंडा की जनता सोच रही है कि अगर नेता यूं ही ‘संवेदनशील’ होते, तो अस्पतालों की जरूरत ही क्या थी?
पार्टी की प्रतिक्रिया
भाजपा के राज्य स्तरीय नेताओं ने वीडियो का “गोपनीय संज्ञान” लिया है – गोपनीय इसलिए ताकि वायरल वीडियो को कोई और गोपनीय न समझे।
एक अंदरूनी रिपोर्ट तैयार हो रही है, जिसमें सारी ‘सीढ़ी दर सीढ़ी’ घटनाएं दर्ज हैं।
नैतिकता का टेलीविजन ट्रायल?
बम बम जी का कहना है कि उन्हें पार्टी में सक्रिय देखकर कुछ लोग जल रहे हैं। अब सवाल ये है कि क्या ये ‘वायरल योजना’ है या फिर ‘वीडियो वाली यथार्थता’?
गोंडा में अटकलें तेज़ हैं – क्या पार्टी उन्हें चुपचाप किनारे लगाएगी, या इस पर साफ-सुथरा प्रेस नोट आएगा?
गंभीर सवाल
राजनीति में ‘सफाई’ अब सिर्फ सफाई कर्मचारियों के हिस्से रह गई है। जो सही समय पर बयान दे दे, वही नैतिक है – और जो कैमरे में आ जाए, वो ‘साजिश का शिकार’!
अमरकिशोर बम बम ने कम से कम यह तो सिद्ध कर ही दिया कि नेता बनने के लिए अब संवेदना से ज़्यादा CCTV से सावधानी ज़रूरी है।
गोंडा में अब सवाल यह नहीं कि वीडियो असली है या नहीं, बल्कि यह है कि अगला वीडियो कब और कहां से आएगा।
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