
बिहार की राजनीति में नया मसाला तैयार है। इस बार मुद्दा है – “2 वोटर आईडी और एक डिप्टी सीएम!” जी हां, कांग्रेस ने डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांग लिया है।
कौन कहां वोट दे रहा है – खुद नहीं पता!
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम का आरोप है कि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा दो विधानसभा क्षेत्रों – बांकीपुर और लखीसराय – दोनों की वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। और जो नाम हलफनामे में होना चाहिए, वो कहीं गायब है।
“नाम छुपाया गया है, ये गंभीर अपराध है। इस्तीफा दो विजय सिन्हा जी।”
– राजेश राम, कांग्रेस अध्यक्ष
एक ID पार्टी की… एक सत्ता की?
राजेश राम ने केंद्र सरकार पर भी तीखा कटाक्ष किया। बोले – “बीजेपी की सत्ता अब नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसी बैसाखियों पर टिकी है।”
दो ID रखने वाला आम आदमी होता तो जेल जाता। लेकिन जब डिप्टी सीएम हों, तो क्या होता है? प्रेस कॉन्फ्रेंस!
चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में
कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के कब्जे में है। अगर कोई आयोग से सवाल करता है, तो जवाब बीजेपी देती है।
“विजय सिन्हा खुद कह रहे हैं कि सुधार के लिए नाम भेजा था, लेकिन अपडेट नहीं हुआ। यानी अब वो भी आयोग की अनदेखी के शिकार हैं?”
– ये क्या ‘राजनीतिक Irony’ है भई!
कागज़ दिखाओ, नहीं तो कुर्सी छोड़ो
कांग्रेस की मांग है कि अगर नाम दो जगह है और एक छुपाया गया है, तो यह सीधे-सीधे Representation of the People Act का उल्लंघन है। यानी बात सिर्फ राजनीति की नहीं, कानून की भी है।
“Vote भी दो बार, कुर्सी भी बार-बार!”
एक ID से वोट दो, दूसरी ID से सत्ता लो – बिहार की राजनीति में ‘डबल रोल’ का नया हीरो!
वोटर लिस्ट की गलती पर जब आम आदमी पकड़ा जाए – “सजा मिले”,
डिप्टी सीएम पकड़े जाएं – “प्रेस कांफ्रेंस मिले!”
बिहार में इस Voter ID डबल ड्रामा ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता, नेताओं की जवाबदेही और सत्ता की ईमानदारी – तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना ये है कि ये मुद्दा सिर्फ एक प्रेस स्टेटमेंट बनकर रह जाता है या कार्रवाई तक पहुंचता है।
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