बिहार बोले—अब पैकेज में दम है, साइलो से लेकर साइंस तक हम तैयार हैं

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

PMKVY के तहत बिहार को मिला था 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षण का टारगेट। लेकिन बिहार बोला—”अरे रुको, अभी और दिखाते हैं!”
6.33 लाख से ज्यादा युवाओं ने ट्रेनिंग ली, और अब तो बिहार में हर दूसरा बंदा किसी ना किसी स्किल में ‘सर्टिफाइड’ है—बस नौकरी मिलना बाकी है।

ठाकरे ब्रदर्स के बीच पटरी बिछे इससे पहले, फडणवीस ने चाय मंगा ली

कृषि में वैज्ञानिक खेती: पूसा से आई पुकार—‘खेती करो, लैब वाला स्टाइल में!’

मोतिहारी में बन गया कृषि अनुसंधान केंद्र। अब किसान सिर्फ हल नहीं, लैपटॉप भी चला सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक बोले—“बीज डालिए, रिसर्च कीजिए और फसल देखकर Excel शीट भरिए!”

मत्स्य योजना: जब मछली पकड़ने वाला अब कहता है—”हम अब मार्केटिंग भी करते हैं!”

PMMSY के तहत मछुआरों को मिले घर, तालाब, लैब और रिटेल मार्केट। अब वो सिर्फ मछली नहीं बेचते, बल्कि “ब्रांडेड मछली” बेचते हैं।
कुछ तो अपने नाम से ‘FishTok’ चैनल भी चला रहे हैं!

जल प्रबंधन और कृषि यंत्रीकरण: खेतों में अब ट्रैक्टर कम और ड्रोन ज्यादा दिखते हैं

32,577 हेक्टेयर भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई का कमाल, 117 करोड़ रुपये के एग्रो-मशीनी क्रांति
हालांकि, बीज योजना में टेक्निकल दिक्कत आई, पर चलिए… ‘बीज वापसी की भी कहानी है विकास की निशानी!’

बिहार ने कहा—’अब अनाज खुले में नहीं, AC गोदाम में रहेगा!’

2.84 लाख मीट्रिक टन के गोदाम और 1.5 लाख मीट्रिक टन के साइलो बन गए। दरभंगा से कटिहार तक अनाज अब ‘रियल एस्टेट’ में स्टोर होता है।
साइलो बनाने वालों ने कहा—”हमने तो अनाज को VIP ट्रीटमेंट दे दिया!”

और गोदाम भी पाइपलाइन में: PEGS योजना बोले—‘हम अभी अधूरे नहीं, इन-प्रोग्रेस हैं’

सीतामढ़ी से शेखपुरा तक 1.2 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बन रहे हैं। 652 करोड़ की लागत से 7.25 लाख मीट्रिक टन के नए साइलो आ रहे हैं, ताकि “भविष्य में कोई दाना सड़ने की हिम्मत न करे!”

बिहार आत्मनिर्भर की ओर: जब पैकेज और परफॉर्मेंस ने साथ पकड़ लिया

केंद्र सरकार का विशेष पैकेज और राज्य सरकार की संजीदगी ने बिहार को नया आत्मविश्वास दिया है। अब बिहारी युवा सिर्फ UPSC के भरोसे नहीं, “ब्लू रिवोल्यूशन से लेकर ग्रीन इनोवेशन” तक में हाथ आजमा रहे हैं।

कोरोना का कमबैक, पर जिम्मेदारी अभी भी आउट ऑफ स्टॉक!

Related posts