
केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार की कनेक्टिविटी और विकास को नई ऊंचाई देने के लिए ₹7,500 करोड़ की दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ये परियोजनाएं सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: सफर बनेगा हाई-स्पीड!
बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा 82.4 किलोमीटर लंबा मोकामा-मुंगेर सेक्शन, ₹4,447.38 करोड़ की लागत से बनेगा।
यह सेक्शन 4-लेन ग्रीनफील्ड, एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा और हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर तैयार किया जाएगा।
इस परियोजना से:
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बिहार के अंदर तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा संभव होगी
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माल परिवहन को मिलेगा बूस्ट
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उद्योगों और कारोबार को बेहतर लॉजिस्टिक नेटवर्क मिलेगा
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे सेक्शन: रेलवे को मिलेगी दोहरी रफ्तार
दूसरी बड़ी परियोजना में भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे रूट का दोहरीकरण किया जाएगा, जिससे पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार की रेल कनेक्टिविटी को मिलेगा जबरदस्त बढ़ावा।
इस प्रोजेक्ट के फायदे:
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तीर्थस्थल देवघर की कनेक्टिविटी में सुधार
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कोलकाता से दक्षिण बिहार के लिए आसान सफर

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ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, देरी घटेगी
PM-Gati Shakti के तहत मंजूरी: मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का ध्येय
दोनों प्रोजेक्ट्स को प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मंजूरी दी गई है। यह योजना मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाकर देश की लॉजिस्टिक क्षमता को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा:
“ये परियोजनाएं केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि विकास के एक्सप्रेसवे हैं। इससे लोगों, वस्त्रों और सेवाओं की आवाजाही आसान होगी और रेलवे के व्यस्त रूटों पर दबाव घटेगा।”
3 साल में पूरा होगा काम: मिलेगी तेज़ डिलीवरी की गारंटी
सरकार का लक्ष्य है कि इन दोनों परियोजनाओं को अगले 3 वर्षों में पूरा कर लिया जाए। इसके बाद बिहार और आसपास के राज्यों की कनेक्टिविटी एक नए युग में प्रवेश करेगी।
| परियोजना | विवरण | अनुमानित लागत |
|---|---|---|
| मोकामा-मुंगेर एक्सप्रेसवे | 82.4 किमी, 4-लेन, ग्रीनफील्ड हाईवे | ₹4,447.38 करोड़ |
| भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे दोहरीकरण | रेलवे लाइन डबल | ₹3,000+ करोड़ (अनुमानित) |
| लक्ष्य | 3 वर्षों में पूरा करना |
आर्थिक विकास को मिलेगा नया इंजन
इन दोनों प्रोजेक्ट्स से न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र में निवेश, व्यापार और टूरिज्म को भी बूस्ट मिलेगा। देवघर, मुंगेर, भागलपुर, रामपुरहाट जैसे धार्मिक और औद्योगिक क्षेत्रों को नई संजीवनी मिलेगी।
मोदी सरकार की यह इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटजी सिर्फ विकास की गाथा नहीं, बल्कि “संपर्क से समृद्धि” के विजन को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम है। बिहार अब केवल चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि विकास का मॉडल बन रहा है।
