
बिहार में एक तरफ चुनाव आयोग “फ्री एंड फेयर” वोटिंग की तैयारी में जुटा है, तो दूसरी तरफ अपराधियों ने “फ्री एंड फियर” का नया मॉडल लॉन्च कर दिया है। सीवान जिले के दरौदा थाना क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात सहायक अवर निरीक्षक (ASI) अनिरुद्ध कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गला काटकर मारा गया — और हाँ, चुनाव से बस कुछ दिन पहले।
सीवान में कानून नहीं, खून चल रहा है!
घटना सिरसाव नवका टोला गांव की है, जहाँ खेत में ASI का खून से लथपथ शव मिला। गले पर गहरी धारदार चोट के निशान — और सबसे बड़ा सवाल:
“अगर पुलिस ही सुरक्षित नहीं, तो जनता किससे सुरक्षा मांगे?”
सीवान में यह मामला अब चुनावी बहस का नया “हथियार” बन चुका है। नेताओं के मंच से जो ‘जंगलराज’ कहा जा रहा था — वो अब ज़मीन पर हकीकत बन गया है।
SP बोले — “टीम बना दी है”, जनता बोली — “डर बना हुआ है!”
सीवान के SP मनोज तिवारी मौके पर पहुँचे और कहा कि “जांच के लिए स्पेशल टीम बना दी गई है, अपराधी जल्द पकड़े जाएंगे।”
लेकिन सवाल ये नहीं कि अपराधी कब पकड़े जाएंगे, सवाल ये है कि ASI की गर्दन क्यों नहीं बची जब वो ड्यूटी पर थे?
बिहार चुनाव और अपराध — पुराना रोमांस, नया सीज़न
हर चुनाव से पहले बिहार में अपराध भी “इलेक्शन मोड” में चला जाता है। इस बार भी कोई फर्क नहीं पड़ा — “एक तरफ पोस्टर पर विकास, दूसरी तरफ पोस्टमार्टम पर न्याय।”
“Bihar me vote dene jao to helmet pehno, patrolling wale bhi safe nahi!”
जनता की आवाज़ — ‘सिस्टम सो रहा है, सीवान रो रहा है’
बिहार के वोटर्स कह रहे हैं, “सुरक्षा सिर्फ नारे में है।” अब चुनावी मंचों पर ये मुद्दा नया गोला बन चुका है। तेजस्वी यादव ने तंज कसा — “जंगलराज की बात करने वाले अब बताएं, ये कौन सा ‘राज’ चल रहा है?”
वहीं सत्तापक्ष “जांच जारी है” वाले रूटीन जवाब पर कायम है।
BJP ने 6 जिलों में छोड़ा मैदान, Chhaparans में पार्टी कर रही heavy-duty

