PK के ‘जन सुराज’ से BJP में भगदड़, अब वोट कटवा ना विकल्प बन गइल!

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार में चुनाव के हलचल सुरू हो चुकल बा, आ अबकी बार मैदान में एगो नया दमदार खिलाड़ी उतर चुकल बा — प्रशांत किशोर (PK) आ उनकर पार्टी ‘जन सुराज’।
जइसे-जइसे PK जनसंपर्क के नारा लगावत गांव-गांव घूम रहल बाड़ें, पुरान पार्टियन के नींद हराम हो गइल बा।

आरजेडी के बाद अब BJP के माथा में दर्द!

शुरुआत में सब सोचलें कि PK सिर्फ़ RJD के वोट बैंक (अति पिछड़ा आ मुस्लिम) में सेंध मारी। बाकिर अब माहौल बदल गइल बा — BJP के भी जमीन खिसक रहल बा। BJP के शहरिया, शिक्षित वोटर, आ सवर्ण वर्ग, जे अब तक NDA के गढ़ रहल, ऊ अब जन सुराज से जुड़ रहल बा।

PK के चाल: जात ना, काम के बात

जन सुराज जात-पात से हट के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य पर फोकस करत बा। PK खुद ब्राह्मण हईं, बाकिर उनका मंच पर OBC, सवर्ण, आ अतिपिछड़ा वर्ग से नेता जुड़ रहल बाड़ें। ई सोच वाला वोटर BJP के सबसे मजबूत आधार ह — जे अब PK के बैनर तले इकठ्ठा हो रहल बा।

“चौपाल” के ज़रिया जनता से डायरेक्ट जुड़ाव

PK गांव-गांव में चौपाल लगावत बाड़ें। लोग से खुलकर बातचीत, मुद्दा पर चर्चा, आ साफ़ छवि वाला नेता चुन के मैदान में उतारे के तैयारी बा।
जन सुराज के पास ना त भ्रष्टाचार के दाग बा, ना कुनबा परस्ती। ई नयका टाइप के राजनीति लोग के लुभा रहल बा।

टिकट बंटवारा: फर्स्ट टाइमर बनाम घिसा-पिटा नेता

जहां RJD-BJP पुरान घिसल नेता पर भरोसा करत बा, उहें जन सुराज फर्स्ट टाइम साफ-सुथरा चेहरा लेके आवत बा।
एहसे बहुत इलाकन में जन सुराज के कैंडिडेट NDA के वोट काट रहल बाड़ें।

अब चुनाव ना रही सिर्फ़ NDA बनाम महागठबंधन

PK बिहार के चुनावी मैदान में तीसरा कोण बनाके खेला बिगाड़ दिहले बाड़ें।
अब मैदान खाली ना रही।
BJP के पूछे के पर रहल बा —

“कमल खिली कि ना, जब हवा ‘जन सुराज’ के बह रहल बा?”

PK के चाल पावरफुल बा, बाकिर मैदान लंबा बा

बिहार के जनता जातीय राजनीति से ऊब चुकल बा। अब ऊ चाहत बा विकास, रोजगार, शिक्षा। PK जन सुराज के ज़रिया इहे सब वादा करत बाड़ें। बाकिर का ऊ एतना ताकत बना पइहें कि NDA के सिंहासन डोल जाई?
ई त अबकी चुनाव में ही पता चली!

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