“Bihar Election: मुस्लिम MLA की ‘इलेवन प्लेइंग’, बाकी दलों की हवा टाइट!”

Ajay Gupta
Ajay Gupta

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे साफ हो चुके हैं—और इस बार भी बिहार ने अपनी राजनीतिक पिच पर ऐसा खेल दिखाया कि बड़े-बड़े दिग्गजों को समझ नहीं आया कि बॉल स्पिन हुई, स्विंग हुई या नो-बॉल हो गई!

NDA ने दमदार जीत हासिल की है और विपक्ष की हालत वैसी हो गई जैसे एग्जाम में टॉपर के सामने “50 नंबर वाला स्टूडेंट” खड़ा हो।

और अब बात करते हैं उस बड़े सवाल की— इस बार कितने मुस्लिम उम्मीदवार जीते? किस सीट से? किस पार्टी का क्या स्कोर रहा?

इस बार सिर्फ 11 मुस्लिम उम्मीदवार जीते

बिहार में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट तो खूब मिले, लेकिन वोट मशीनों ने सिर्फ 11 को ही पास मार्क्स दिए। सबसे बड़ा सर्प्राइज़?
AIMIM ने सबसे ज्यादा 5 सीटों पर जीत दर्ज की! बाकी पार्टियों का हाल नीचे देखिए—

किस पार्टी ने कितने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे और कितने जीते?

पार्टी उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवार जीते
AIMIM 24 5
RJD 18 3
JDU 4 1
Congress 3 2

मतलब— AIMIM का स्ट्राइक रेट सबसे तगड़ा, RJD और कांग्रेस की स्थिति “औसत से नीचे”, JDU सिर्फ “एकलौती सफलता” पर खुश

किस सीट से कौन जीता? पूरी Muslim MLA List 2025

 JDU (1 जीत)

  • मो. जमा खान – चैनपुर

Congress (2 जीत)

  • अबिदुर रहमान – अररिया
  • कमरुल होदा – किशनगंज

RJD (3 जीत)

  • फैजल रहमान – ढाका
  • ओसामा शाहाब – रघुनाथपुर
  • आरिफ अहमद – बिस्फी

 AIMIM (5 जीत – सबसे ज्यादा)

  • मोहम्मद तौसीफ आलम – बहादुरगंज
  • मोहम्मद मुर्शीद आलम – जोकीहाट
  • मोहम्मद सरवर आलम – कोचाधामन
  • गुलाम सरवर – बायसी
  • अख्तरुल ईमान – अमौर

AIMIM ने इस बार साबित कर दिया कि “पूर्वी बिहार का कोर्ट तो अभी भी ओवैसी ही चलाते हैं!”

क्यों हुआ ऐसा? Quick Breakdown

NDA की लहर बहुत तेज थी

या कहें—“लालटेन बुझी, हाथ फिसला, और साइकिल पंचर।”

मुस्लिम वोट कई जगहों पर बंटा

RJD को उम्मीदें ज्यादा थीं, लेकिन AImim ने कई जगह वोट शेयर काट दिया।

लोकल इश्यू + कैंडिडेट की पहचान हावी रही

इस बार जाति समीकरण के साथ-साथ गांव का चेहरा कौन? यह भी बड़ा मुद्दा था।

‘Just 11’—Bihar की नई पॉलिटिक्स का साइलेंट सिग्नल?

बिहार में इस बार मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। नई राजनीति का मैसेज साफ है— वोट अब सिर्फ समीकरण नहीं, परफॉर्मेंस और लोकल कनैक्शन पर मिल रहा है। और AIMIM का स्लोगन भी जम गया— “कम सीटें, लेकिन फुल फॉर्म!”

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