“Crime बेलगाम है, मैं मजबूर हूं” – चिराग का दिल से सपोर्ट, दिमाग से डिस्टेंस

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

बिहार में कानून व्यवस्था पर बहस फिर गरमा गई है, और इस बार फिर सुर्खियों में हैं एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई, लेकिन साथ ही विपक्ष को भी लपेटा।

“मैं सरकार में नहीं हूं, बस सपोर्ट कर रहा हूं,” ये बयान देते हुए उन्होंने विपक्ष पर इल्ज़ाम लगाया कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। भाई, चिराग जी सपोर्ट भी कर रहे हैं और विरोध भी — इसे ही कहते हैं राजनीतिक जलेबी!

“अपराध बेलगाम है, लेकिन मैं नहीं!”

चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि वे उस सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जहां पर अपराध बेलगाम होता जा रहा है। उन्होंने प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया — “अगर ये कोई साजिश भी है, तो भी प्रशासन कहां सो रहा है?”

मतलब अगर पाप पड़ोसी कर रहा है, तो भी घर का दरवाज़ा बंद न रखने वाले की गलती है!

विपक्ष के सपने — 2020 की रीमिक्स पॉलिटिक्स

चिराग ने विपक्ष को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि विपक्ष उन्हें 2020 के सीन में वापस ले जाना चाहता है, लेकिन उनके ये “रेमिक्स पॉलिटिक्स” वाले सपने पूरे नहीं होंगे। साफ है, चिराग इस बार म्यूट पर नहीं हैं, बल्कि रील मोड में हैं!

2025 में फिर होगा ट्विस्ट?

2020 में अलग होकर चुनाव लड़ने वाले चिराग अब गठबंधन में तो हैं, लेकिन बयानबाज़ी देखकर कोई भी कन्फ्यूज़ हो जाए। आने वाले 2025 के चुनाव में वो किसके साथ होंगे — राजनीति का ये सीज़न अभी बाकी है दोस्त!

बिहार में अपराध बढ़ रहा है या सियासी तकरार — ये तो जनता तय करेगी। लेकिन चिराग पासवान ने एक बात तो क्लियर कर दी है: वो समर्थन भी करेंगे और सवाल भी पूछेंगे। “दिल है कि मानता नहीं, और बयान हैं जो रुकते नहीं!”

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