
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और बड़ी पहल करते हुए राज्य के निर्माण श्रमिकों और युवाओं को दोहरा तोहफा दिया है।
16.04 लाख रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को ₹5000 प्रति व्यक्ति के हिसाब से कुल ₹802.46 करोड़ की राशि वस्त्र सहायता योजना के अंतर्गत डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के जरिए उनके खातों में भेजी गई।
साथ ही, मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के तहत राज्य के प्रशिक्षित युवाओं को सरकारी संस्थानों, MSME और सार्वजनिक उपक्रमों में इंटर्नशिप हेतु पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया।
वस्त्र सहायता योजना: 16 लाख श्रमिकों को बड़ी राहत
योजना की मुख्य बातें:
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योजना: वस्त्र सहायता योजना
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लाभार्थी: 16,04,929 रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिक
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लाभ राशि: ₹5000 प्रति श्रमिक
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कुल वितरण राशि: ₹802 करोड़ 46 लाख
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उद्देश्य: श्रमिकों को त्योहारों व मौसम अनुसार वस्त्र खरीद में मदद
यह राशि “बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड” के अंतर्गत दी गई है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देना है।
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना: युवाओं के लिए इंटर्नशिप का सुनहरा मौका
योजना की विशेषताएं:
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उद्देश्य: ट्रेंड युवाओं को वर्क एक्सपीरियंस और फाइनेंशियल सपोर्ट
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इंटर्नशिप के लिए पोर्टल लॉन्च
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नियोजन: MSME, सरकारी संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम
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लाभ: युवाओं को इंटर्नशिप के माध्यम से करियर में शुरुआत का मौका
यह कदम बिहार के स्किल्ड युवाओं को प्रैक्टिकल नॉलेज देने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत प्रयास है।
डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता
नीतीश कुमार ने डिजिटल मंच से राशि का सीधा हस्तांतरण किया। इंटर्नशिप पोर्टल को लाइव किया। तकनीक के माध्यम से गवर्नेंस को जनता के और करीब लाने का उदाहरण पेश किया।
“हमारी सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजना बनाना नहीं, उसे पारदर्शी और प्रभावी ढंग से लागू करना भी है।” – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
इन योजनाओं का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
क्षेत्र | प्रभाव |
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श्रमिक वर्ग | आर्थिक राहत, त्योहारी खर्च में सहायता, सम्मानजनक जीवनशैली |
युवा वर्ग | वर्क एक्सपीरियंस, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में जुड़ने का अवसर |
अर्थव्यवस्था | स्किल्ड वर्कफोर्स से MSME सेक्टर को बल, रोजगार में वृद्धि |
गवर्नेंस | DBT और पोर्टल के जरिए पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी |
क्या है आगे का प्लान?
आने वाले समय में योजना के तहत और श्रमिकों को जोड़ा जाएगा । इंटर्नशिप पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन, लाइव ट्रैकिंग, और फीडबैक सिस्टम की सुविधा दी जाएगी। युवाओं को इंटर्नशिप के बाद नौकरी दिलाने में भी सहायता मिलेगी
दो योजनाएं, एक मकसद – आत्मनिर्भर बिहार
CM नीतीश कुमार ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि उनकी सरकार का फोकस सिर्फ “घोषणाओं” पर नहीं बल्कि “कार्यान्वयन” और “जमीनी स्तर तक पहुंच” पर है।
चाहे श्रमिक हो या छात्र, दोनों वर्गों को सम्मान और अवसर देना ही असली विकास है।
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