
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर बारूद की गूंज सुनाई दी। मंगलवार देर रात मस्तुंग ज़िले की कुर्दगाप तहसील में एक भीषण बम विस्फोट में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और दो जवानों की मौत हो गई।
घटना स्थल था — काली पसंद खान के पास, जो सुनने में किसी पुराने उर्दू शायर का नाम लगता है, लेकिन इस बार यहां मौत की गूंज सुनाई दी।
कैसे हुआ हमला?
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया:
“अज्ञात हमलावरों ने सड़क किनारे विस्फोटक लगाया था। जैसे ही सेना का वाहन वहां से गुज़रा, विस्फोट कर दिया गया।”
धमाके में एक मिलिट्री वाहन पूरी तरह तबाह हो गया। मरने वालों में एक आर्मी मेजर और दो जवान शामिल हैं, जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। आईएसपीआर (Inter Services Public Relations) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
BLA ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की ज़िम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। संगठन पहले भी पाक सेना और सुरक्षाबलों पर हमलों में शामिल रहा है। BLA का कहना है कि यह कार्रवाई “पाकिस्तानी कब्जे” के खिलाफ “जारी संघर्ष” का हिस्सा है।
पाक सरकार इस संगठन को आतंकवादी मानती है, जबकि बलूच संगठन खुद को स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं।
कब तक चलेगा यह सिलसिला?
बलूचिस्तान में ऐसे हमले लगातार हो रहे हैं, लेकिन हर बार एक जैसे रटे-रटाए जवाब मिलते हैं — “जांच जारी है”, “सख्त कार्रवाई की जाएगी”, और फिर मामला ठंडे बस्ते में।
इस बीच, आम नागरिक और जवान, दोनों ही बारूद की राजनीति के बीच बलि का बकरा बनते जा रहे हैं।
क्यों ज़रूरी है यह खबर?
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ये हमला पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़ा करता है।
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बलूचिस्तान की हालत एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फोकस में आ गई है।
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BLA जैसी ग्रुप्स की बढ़ती ताक़त और नेटवर्क एक गंभीर चिंता का विषय है।
बलूचिस्तान में एक और बम, एक और बयान, एक और बलिदान
जहां दुनिया सुरक्षा और शांति की बात कर रही है, वहीं बलूचिस्तान अब भी बारूद की बिसात बना हुआ है। क्या अगला कदम शांति वार्ता होगी या एक और बम धमाका, यह वक्त ही बताएगा।
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